नोएडा . सेक्टर-27 स्थित एक नामी स्कूल के जूनियर विंग की साढ़े तीन साल की छात्रा के साथ डिजिटल रेप के मामले में थाना सेक्टर-20 पुलिस ने दो अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया है. जांच में पुलिस को पता चला कि दोनों ने घटना को छिपाने की कोशिश की थी.
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पुलिस ने बताया कि 10 दिन पहले बच्ची अचानक गुमसुम होने लगी और स्कूल नहीं जा पा रही थी. डॉक्टर ने बताया कि बच्ची के निजी अंगों को किसी ने चोट लगी है. माता-पिता ने प्यार से इस बारे में पूछा तो बच्ची ने बताया कि स्कूल में जो भैया प्लेट देते हैं, उन्होंने दो दिन पहले कुछ चुभाया था, तभी से दर्द हो रहा है और किसी को बताने पर मारने की धमकी भी दी थी.
नौ अक्तूबर को एक छोटे बच्चे के साथ शर्मनाक व्यवहार हुआ, लेकिन 10 अक्तूबर को परिजनों ने इसकी शिकायत दर्ज कराई. एडीसीपी मनीष कुमार मिश्र ने बताया कि स्कूल के कार्यालय प्रशासक/सुरक्षा पर्यवेक्षक दयामय महतो और पीड़िता की क्लास टीचर मधु मेनघानी ने घटना को छिपाने की कोशिश की.
क्या है डिजिटल रेप?
यह नाम सुनते ही आपको लगता है कि ये वर्चुअल यौन उत्पीड़न होगा, लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है. जब किसी बच्ची या महिला को बिना अनुमति के उंगलियों या हाथ-पैर के अंगूठे से यौन उत्पीड़न किया जाता है, उसे “डिजिटल रेप” कहते हैं. डिजिटल रेप में डिजिट का अर्थ इंग्लिश के फिंगर, थंब या पैर के अंगूठे से जबरदस्ती पेनेट्रेशन है.
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