रायपुर. छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में रजिस्ट्री दस्तावेजों को डिजिटल बनाने का काम पिछले कुछ समय से चल रहा है. पहले, जिस कंपनी को यह काम सौंपा गया था, वह समय पर और उच्च गुणवत्ता के साथ काम पूरा नहीं कर पाई थी. इसके परिणामस्वरूप शासन ने भुगतान रोक दिया और ठेका निरस्त कर दिया गया. इस कारण मार्च 2024 से नवंबर 2024 तक स्कैनिंग का काम रुका रहा. अब, दिसंबर 2024 से नोएडा की एक नई कंपनी को इस कार्य का जिम्मा सौंपा गया है.

नई कंपनी को रायपुर के अलावा रायगढ़, सरगुजा, कोरिया, सूरजपुर जैसे अन्य जिलों में भी स्कैनिंग का काम सौंपा गया है. जिला पंचायत उप संचालक कार्यालय में एक डिजिटल सिस्टम स्थापित किया गया है, जहां दस्तावेज़ों को स्कैन किया जाता है. दस्तावेज़ को स्कैनिंग मशीन के नीचे रखा जाता है और एक क्लिक से वह दस्तावेज कंप्यूटर पर दिखाई देने लगता है.

छत्तीसगढ़ में भूमि खरीद-बिक्री में हो रहे फर्जीवाड़े को रोकने और रजिस्ट्री के बाद ऑनलाइन नामांतरण प्रक्रिया को सुलभ बनाने के लिए 1950 से लेकर अब तक के सभी दस्तावेज़ों को डिजिटल किया जा रहा है. दिल्ली स्थित नोएडा की कंपनी ने 2017 से 1997 तक के दस्तावेज़ों को पहले ही ऑनलाइन कर दिया है. अब इस कंपनी को 1950 तक के दस्तावेज़ों को भी डिजिटल करने का ठेका दिया गया है.

इस प्रक्रिया के अंतर्गत रजिस्ट्री कार्यालय में हाइटेक ऑटोमेटिक मशीनों का सेटअप स्थापित किया गया है. यह पहला मौका होगा जब पंजीयन कार्यालय की हर रजिस्ट्री की एंट्री ऑनलाइन दिखाई देगी, जिससे दस्तावेज़ कभी खराब नहीं होंगे और उनका सुरक्षित डिजिटल रिकॉर्ड उपलब्ध रहेगा.

तहसीलदार पवन कोसमा ने बताया कि इस डिजिटल प्रक्रिया के चलते रजिस्ट्री का काम तेज़ी से चल रहा है और जल्द ही पूरी प्रक्रिया और भी सरल हो जाएगी. भविष्य में, रिकार्ड में नाम दर्ज करवाने के लिए तहसील कार्यालय आने की आवश्यकता नहीं होगी. हितग्राहियों को उप पंजीयन कार्यालय में जाकर रजिस्ट्री प्रक्रिया पूरी करने की सुविधा ऑनलाइन मिल जाएगी.