प्रतीक चौहान. रायपुर. दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे जोन के तमाम आरपीएफ अफसर डीआईजी के एक आदेश को लेकर इन दिनों थोड़े परेशान नजर आ रहे है. डीआईजी ने आदेश जारी किया है कि रेलवे ट्रैक में यदि कोई लाश मिलती है तो उसकी वीडियोग्राफी कर उसे हटाना है. हालांकि वीडियोग्राफी का जिक्र भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के तहत दिया गया है. उपरोक्त आदेश में आरपीएफ हटाएगी ऐसा तो जिक्र नहीं है, लेकिन आदेश में ये भी कही नहीं लिखा कि किससे हटवाना है. जबकि जीआरपी यदि डोम को बुलवाकर लाश हटाती है तो इसके एवज में रेलवे द्वारा स्वीकृत राशि दी जाती है.
आरपीएफ के सूत्रों का कहना है कि मीटिंग में अफसर इस बात को लेकर काफी फटकार लगाते है कि उन्हें किसी भी तरह ट्रेन डिटेन न हो इसलि रेलवे ट्रैक में पड़ी डेथ बॉडी को हटाना है.
आरपीएफ सूत्रों का दावा है कि डेथ बॉडी हटाने को लेकर कई कानूनी दाव-पेच है. यही कारण है कि अब तक ऐसा होता था कि जब तक जीआरपी या लोकल पुलिस मौके पर नहीं पहुंचती थी तब तक लाश को वहां से नहीं हटाया जाता था, लेकिन अब आदेश जारी कर आरपीएफ और रेलवे स्टॉफ को ही हटाने कह दिया गया है.
हालांकि जीआरपी सूत्रों का कहना है कि कई बार ऐसी परिस्थित बनती है तो वो भी खुद स्पॉट में जाकर लाश हटाते है. आरपीएफ सूत्रों का कहना है कि रेलवे को नियमों के मुताबिक उन्हें भी डोम की अनुमति मिलनी चाहिए, जिनसे वो लाश हटवा सके.