शब्बीर अहमद, भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने तालिबान और आरएसएस की तुलना की है। दिग्विजय ने ट्वीट कर लिखा कहा कि जिस तरह से तालिबान महिलाओं को मंत्री बनाने लायक नहीं समझता है उसी तरह आरएसएस भी महिलाओं को घर पर ही रखना चाहता है गृहस्थी संभालने के लिए।
दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर कहा, “‘तालीबान- महिलाएँ मंत्री बनाए जाने लायक़ नहीं हैं’ ‘मोहन भागवत- महिलाओं को घर पर ही रह कर गृहस्थी सम्भालना चाहिए’ क्या विचारों में समानता है?”
तालीबान- महिलाएँ मंत्री बनाए जाने लायक़ नहीं हैं।
मोहन भागवत- महिलाओं को घर पर ही रह कर गृहस्थी सम्भालना चाहिए।
क्या विचारों में समानता है? https://t.co/BAm6xnkS1M
— digvijaya singh (@digvijaya_28) September 10, 2021
इसके साथ ही दिग्विजय सिंह ने एक और ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने केन्द्र की मोदी सरकार से स्पष्टीकरण मांगा है और सवाल किया कि तालिबान द्वारा घोषित सरकार जिसमें आतंकवादी मंत्री हैं क्या भारत उसे मान्यता देगा। दिग्विजय ने ट्वीट कर कहा, “मोदीशाह सरकार को अब स्पष्ट करना होगा कि जिस तालीबान सरकार में घोषित आतंकवादी संगठन के सदस्य व इनाम घोषित आतंकवादी मंत्री हैं, उसे क्या भारत मान्यता देगा?”
दिग्वजिय सिंह के ट्वीट पर पलटवार करते हुए बीजेपी ने कांग्रेस पर ही सवाल खड़ा कर दिया। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कांग्रेस को आतंकवाद और नक्सलवाद का समर्थक बताया है। वीडी शर्मा ने कहा कि दिग्विजय सिंह और कांग्रेस नेतृत्व ही तालिबान का समर्थक है। यही दिग्विजय सिंह कहते थे कि मोहन चंद शर्मा का एनकाउंटर फेक है। आतंकवादी को सम्मानित करने उसके घर गए थे।
यही दिग्विजय सिंह सेना और सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल खड़े करते हैं। नक्सलवाद से लेकर हर तरह के आतंकवाद का समर्थन करते हैं। तालिबान समर्थक तो दिग्विजय सिंह हैं।आरएसएस देश ही नहीं दुनिया का सबसे बड़ा सामाजिक संगठन है।
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