
नरसिंघपुर। कांग्रेस के महासचिव दिग्विजय सिंह ने नरसिंघपुर के बरमान घाट से नर्मदा परिक्रमा शुरु कर दी है. इस परिक्रमा में उनके साथ उनकी पत्नी अमृता सिंह शामिल हैं. 3300 किलोमीटर की ये यात्रा वे 6 महीनों में पूरी करेंगे. इस दौरान उन्होंने राजनीति से अलग रहने का ऐलान किया है. हालांकि इस यात्रा के दौरान उनके साथ लगातार कांग्रेस कार्यकर्ता जुड़े रहेंगे. बीजेपी सरकार उनकी यात्रा को लेकर चौकन्नी हो गई है.
यात्रा शुरु करने से पहले दिग्विजय सिंह ने शंकराचार्य स्वरुपानंद सरस्वती का आशीर्वाद लिया. उन्होंने अपनी यात्रा करीब शाम पांच बजे शुरु की. इनके साथ करीब 60 नर्मदा पथिक चल रहे हैं. इस यात्रा को मध्यप्रदेश में राजनीतिक रुप से काफी अहम माना जा रहा है. यात्रा के पहले दिन दिग्विजय सिंह केवल तीन किलोमीटर चलेंगे. इसके बाद वे विश्राम करेंगे. इस यात्रा में शामिल होने के लिए करीब ढाई हजार लोगों ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराया है.
इधर बीजेपी इस यात्रा को लेकर पूरी तरह से सतर्क हो गई है. सरकार का खुफिया तंत्र इस यात्रा पर नज़र बनाए हुए है. इसके अलावा संगठन भी यात्रा पर कड़ी नज़र बनाए हुए है. यात्रा राज्य के करीब 110 विधानसभा क्षेत्रों से गुजरेगी जबकि गुजरात में यह यात्रा करीब 20 विधानसभा सीटों तक जाएगी. दिग्विजय सिंह इसे आध्यात्मिक यात्रा बता रहे हैं लेकिन माना जा रहा है कि दोनों राज्यों में अगले एक साल में चुनाव है लिहाज़ा इस यात्रा के राजनीतिक मायने हैं.
यात्रा के पहले दिन दिग्विजय सिंह ने मां नर्मदा की परिक्रमा शुरू करने से पहले पूजा-अर्चना की. इसके बाद दिग्विजय सिंह और उनकी पत्नी अमृता राय ने कन्याभोज कराया. कन्याभोज के बाद दिग्विजय और अमृता ने नर्मदा परिक्रमा शुरू की. नर्मदा पूजन और कन्या भोज के बाद दोपहर में बरमान घाट से मां नर्मदा की पैदल परिक्रमा शुरू की और पहले दिन 3 किमी पदयात्रा करने के बाद शाम को दिग्विजय नर्मदा परिक्रमा के पहले पड़ाव बरिया घाट पहुंच गए हैं. जहां रात्रि भोज के बाद विश्राम कर रविवार सुबह फिर परिक्रमा शुरू करेंगे.