भोपाल। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण खाद्य योजना (पीएमजीकेवाई) 30 नवंबर से बंद करने का एलान केंद्र सरकार ने कर दिया है। कोरोना काल में कोई गरीब भूखा पेट नहीं सोए, इसके लिए शुरू की गई गरीब कल्याण अन्न योजना 30 नवंबर में खत्म हो जाएगी। खाद्य सचिव सुधांशु पांडेय ने कहा कि योजना के तहत नवंबर के बाद गरीबों को राशन उपलब्ध कराने का फिलहाल कोई प्रस्ताव नहीं है। कोरोना काल में गरीबों को मिलने वाले राशन को बंद करने पर वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह (Congress leader Digvijay Singh) ने केंद्र की मोदी सरकार (Modi government)  पर निशाना साधा है। दिग्विजय सिंह ने ट्वीट करते हुए निशाना साधा कि- एक हाथ से दिया दूसरे हाथ से ले लिया। अर्थ व्यवस्था कॉरपोरेट की सुधर रही हो मगर गरीब तो महंगाई से मरा जा रहा है। #मोदी_है_तो_महंगाई_है। 

खाद्य सचिव सुधांशु पांडेय (Food Secretary Sudhanshu Pandey) ने कहा कि योजना के तहत नवंबर के बाद गरीबों को राशन उपलब्ध कराने का फिलहाल कोई प्रस्ताव नहीं है। केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए कई उपायों के कारण खाद्य तेल की खुदरा कीमत में काफी कमी आई है। पाम, मूंगफली, सोयाबीन, सूरजमुखी और सभी प्रमुख तेलों की कीमतों में गिरावट आई।

फिलहाल प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के विस्तार का कोई प्रस्ताव नहीं है। जैसे-जैसे अर्थव्यवस्था फिर से रफ्तार पकड़ती है, फिलहाल प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना को आगे बढ़ाने का कोई प्रस्ताव नहीं है। पांडे ने कहा कि क्योंकि अर्थव्यवस्था में भी सुधार हो रहा है और उनकी खुली बाजार बिक्री योजना के तहत खाद्यान्न का निपटान भी इस साल काफी अच्छा रहा है।

कब शुरू हुई थी योजना
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण खाद्य योजना की घोषणा मार्च 2020 में की गई थी। इस योजना का उद्देश्य कोरोना महामारी के कारण उत्पन्न कठिनाइयों को दूर करना है। शुरुआत में, यह योजना अप्रैल-जून 2020 की अवधि के लिए शुरू की गई थी, लेकिन बाद में इसे बढ़ाकर 30 नवंबर कर दिया गया, पीएम मोदी ने घोषणा की। इस योजना के तहत गरीबों को 5 किलो प्रति व्यक्ति की दर से मुफ्त अनाज मिलता है।