सुधीर दंडोतिया, भोपाल। मध्य प्रदेश में आज कांग्रेस ने लंबे इंतजार के बाद अपने 144 प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर दी है। वहीं इसके बाद आज एमपी के पूर्व सीएम और कांग्रेस के दिग्गज नेता का एक पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जिसमें उनके कांग्रेस से इस्तीफा देने की बात लिखी हुई है। हालांकि यह पत्र फर्जी निकला और दिग्विजय सिंह ने सोशल मीडिया पर इस वायरल पत्र को जारी कर पुलिस से इस मामले में शिकायत करेंगे। कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल राज्य थाना कोहेफिजा में बीजेपी की शिकायत करने जाएगा। फर्जी ट्वीट करने वाले खिलाफ कांग्रेस शिकायत करने थाना में करेगी।
दिग्विजय सिंह ने लिखा- भाजपा झूठ बोलने में माहिर है। मैंने १९७१ (1971) में कांग्रेस की सदस्यता ली थी। पद के लिए नहीं बल्कि विचारधारा से प्रभावित हो कर जुड़ा था और जीवन की आखिरी सांस तक कांग्रेस में रहूंगा। इस झूठ की मैं पुलिस में शिकायत दर्ज कर रहा हूं। बता दें कि, जारी पत्र में दिग्विजय सिंह के कांग्रेस से इस्तीफा देने की बात लिखी हुई थी।
BJP प्रदेश प्रवक्ता ने डिलीट किया ट्वीट
बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता हितेश वाजपेयी ने यह पत्र सोशल मीडिया पर वायरल कर लिखा था- दिग्विजय सिंह जी क्या ये पत्र सही है? आपने वाकई दुखी होकर लिखा है ? क्या वाकई टिकटों में जबरदस्त खरीद-फरोख्त हुई है ? मध्यप्रदेश जानना चाहता है कि सच क्या है ? आपके अभिमत के इंतज़ार में ! ये मुझे प्राप्त हुआ है परन्तु अकल्पनीय है ! हालांकि दिग्विजय सिंह के शिकायत करने वाले ट्वीट के बाद उन्होंने इसे डिलीट कर दिया।
कांग्रेस ने दर्ज कराई शिकायत
दिग्विजय सिंह के फर्जी लेटर मामले में कांग्रेस ने भाजपा नेता हितेष वाजपेयी के खिलाफ साइबर क्राइम ब्रांच में शिकायत की है। कांग्रेस ने कहा कि कूटरचित दस्तावेज बना कर दिग्विजय सिंह की राजनीतिक छवि को धूमिल करने की कोशिश की गई है। सरकार आने पर हम सख्त कार्रवाई करेंगे।
फर्जी वायरल पत्र में लिखी थी यह बात :
अपने पांच दशक के राजनीतिक सफर में कई अनुभव मुझे कांग्रेस में रहते हुए मिले। एक साधारण कार्यकर्ता से लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री तक का सफर मैने कांग्रेस पार्टी में रहते हुए तय किया। पार्टी ने मुझे राष्ट्रीय महासचिव से लेकर राज्यसभा सदस्य जैसे महत्वपूर्ण पद तक पहुंचाने का काम किया जिसके लिए मैं आजीवन आभारी रहूंगा। लेकिन गत कुछ महीनों से शीर्ष नेतृत्व का निष्ठावान कार्यकर्ताओं के प्रति निराशा, नीति और नेतृत्व में उदासीनता देखकर मैं आहत हूं। मध्य प्रदेश में पार्टी कार्यकर्ता केंद्रित दल न होकर अब विशेष नेता केन्द्रित हो गई है। जिसकी वजह से खुद को असहज पा रहा हूं।
मध्य प्रदेश चुनाव को लेकर प्रत्याशियों के चयन में मेरे द्वारा दिए गए नामों पर विचार नहीं किया गया है। निष्ठावान कार्यकर्ताओं को तरजीह नहीं दिए जाने से मेरे स्वाभिमान को ठेस पहुंची है। मैं अब एक ऐसे पड़ाव पर पहुंच गया हूं जहां मुझे लगता है कि मैं अब ऐसे अन्यायपूर्ण माहौल में नहीं रह सकता। मैं उन सभी के प्रति आभार व्यक्त करता हूं जिन्होंने वर्षों से मेरी विभिन्न पार्टी भूमिकाओं में मेरा समर्थन किया है। भारी मन से मैं पार्टी के साथ अपना जुड़ाव खत्म करने के अपने फैसले की घोषणा करता हूं। कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता समेत सभी पद से इस्तीफा देता हूं। इसे स्वीकार करें।
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