एस आर रघुवंशी, गुना। मध्य प्रदेश में बड़े नेताओं के लाडले बेटे अब खाकी को धमकी ही नहीं दे रहे, बल्कि उनकी हिम्मत इतनी बढ़ गई कि ड्यूटी कर रहे पुलिसकर्मी के मुंह पर सिगरेट का धुआं छोड़ रहे हैं। मामला सामने आया है गुना जिले के राघौगढ़ से, जहां दिग्विजय सिंह के भतीजे और लक्ष्मण सिंह के बेटे आदित्य विक्रम सिंह ने सरेआम पुलिस को धमकी दी। साथ ही अपना पावर दिखाते हुए कहा- “बेटा मामला गरम हो गया है, वर्दी का धौंस मत दिखाना…।” इसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है।

आदित्य विक्रम सिंह ने पुलिस अधिकारियों को धमकाया

दरअसल, राघौगढ़ में चल रहे अभिमन्यु अभियान के दौरान लक्ष्मण सिंह के बेटे आदित्य विक्रम सिंह ने पुलिस अधिकारियों को धमकाया। यह अभियान महिलाओं की सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से चलाया जा रहा था, जिसमें पुलिस सार्वजनिक स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित कर रही थी।

कॉलेज छात्र-छात्राओं से भी कि बदतमीजी

वायरल वीडियो में दिख रहा है, कार्यक्रम के दौरान आदित्य विक्रम सिंह ने SDOP और TI को कार्यक्रम बंद करने की धमकी दी। जब TI जुबेर खान ने उन्हें बताया कि यह अभिमन्यु कार्यक्रम है, तो उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि “कोई कार्यक्रम नहीं होगा, बंद कर जाइए।” उन्होंने वहां उपस्थित कॉलेज के छात्रों से भी कहा कि “यहां से जाओ, हो गया कार्यक्रम।”

बेटा मामला गरम हो गया है, वर्दी का धौंस मत दिखाना

इस दौरान आदित्य विक्रम सिंह ने अपने पिता और चाचा दिग्विजय सिंह की पावर दिखाने की कोशिश की। पुलिस अधिकारियों को धमकाते हुए कहा, “बेटा मामला गरम हो गया है, वर्दी का धौंस मत दिखाना।” इस दौरान अभद्र भाषा का भी उन्होंने इस्तेमाल किया। साथ ही महिला पुलिसकर्मी से भी दुर्व्यवहार किया।

आदित्य विक्रम सिंह और ड्राइवर के खिलाफ FIR 

इस घटना के बाद पुलिस ने आदित्य विक्रम सिंह और ड्राइवर के खिलाफ FIR दर्ज की है। यह मामला यह दर्शाता है कि कानून और व्यवस्था के प्रति सम्मान का अभाव कैसे हो सकता है। खासकर जब लोग सत्ता के नाते अपनी स्थिति का गलत फायदा उठाने की कोशिश करते हैं।

महिलाओं के प्रति जागरूकता फ़ैलाने वाले अभियान को कर रहे थे बाधित

अभिमन्यु अभियान का उद्देश्य समाज में महिलाओं की सुरक्षा के प्रति जागरूकता फैलाना है। यह कार्यक्रम स्कूल, कॉलेज, बस स्टैंड और रेलवे स्टेशनों पर आयोजित किया जा रहा है। ताकि नागरिकों को सुरक्षा के प्रति सजग बनाया जा सके। ऐसे में कार्यक्रम का बाधित होना न केवल पुलिस के प्रयासों को कमजोर करता है, बल्कि समाज में एक गलत संदेश भी भेजता है।

क्या कोई कानून से ऊपर?

इस घटना ने एक बार फिर से यह प्रश्न उठाया है कि क्या कुछ लोग अपनी राजनीतिक पृष्ठभूमि का उपयोग कर कानून को चुनौती देने का प्रयास कर रहे हैं। पुलिस की कार्रवाई यह दर्शाती है कि किसी भी व्यक्ति के लिए कानून से ऊपर होना संभव नहीं है। चाहे उनकी सामाजिक स्थिति या परिवार का नाम कुछ भी हो।

Follow the LALLURAM.COM MP channel on WhatsApp
https://whatsapp.com/channel/0029Va6fzuULSmbeNxuA9j0m