Bihar News: गृह मंत्रालय ने 7 मई 2025 को देशभर में नागरिक सुरक्षा के लिए मॉक ड्रिल आयोजित करने का निर्देश दिया है. इसका उद्देश्य आम नागरिकों, स्कूली छात्रों और अन्य लोगों को यह प्रशिक्षित करना है कि दुश्मन देश के हमले की स्थिति में अपनी सुरक्षा कैसे सुनिश्चित की जाए? बिहार के भी 4 जिलों में कल मॉक ड्रिल किया जाएगा. गृह मंत्रालय के इस कदम पर राजद नेता और लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने पीएम मोदी को डंकापति लिखते हुए लिए उनपर जमकर निशाना साधा है. रोहिणी के इस पोस्ट पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दिलीप कुमार जायसवाल की प्रतिक्रिया सामने आई है.

लालू की बेटी होने से क्या होता है?

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने सवाल करते हुए पूछा कि, कौन हैं रोहिणी आचार्य? भारत की हैं कि विदेश की रहने वाली हैं. दिलीप जयसवाल ने पत्रकारों से पूछते हुए कहा कि रोहिणी आचार्य किस देश की है, लालू की बेटी होने से क्या होता है?

दिलीप जायसवाल ने पूछा कि हमारी बेटी कौन है? यहां कोई नाम जानता है तो लालू की बेटी का नाम लोग क्यों जानता हैं? उन्होंने कहा कि, मेरी बेटी का नाम भी मीडिया जानता तो मुझे खुशी होती, इसका मतलब है कि लोग बेटा बेटी का नाम बढ़ाने के लिए राजनीति करते हैं. यही तो शर्म की बात है. नेतागिरी में जिसके बेटा-बेटी का नाम बिहार जान रहा है तो समझ सकते हैं कि उस राजनीति में समाजवाद नहीं परिवारवाद है.

‘शोले के वीरू से भी बड़े ड्रामेबाज हैं अपने डंकापति’

दरअसल मॉक ड्रिल कराने के निर्देश पर रोहिणी आचार्य ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा था कि, ‘शोले के वीरू’ से भी बड़े ड्रामेबाज़ हैं, अपने ‘डंकापति’ ड्रामे करने-करवाने से ज्यादा की उम्मीद डंकापति जी से मत रखिए, निराशा ही हाथ लगेगी.

रोहिणी ने लिखा कि, महामारी के दौरान लाखों लोग मर रहे थे, मगर डंकापति जी ने समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करने, लोगों की जान बचाने के लिए उपाय-इंतजामात करने की बजाए लोगों से थाली-बर्तन पिटवा दिया, दीवाली मनवा दी, उड़नखटोले से फूलों की बारिश करवा दी. अब जब पहलगाम हमले के 13 दिन बीतने को हैं, तो आतंकियों और आतंकियों को संरक्षण देने वालों पर सीधी कार्रवाई करने से बचते हुए पूरे देश में सायरन बजवा कर खौफ-भय का माहौल कायम करने जा रहे हैं.

आतंकवाद पर सीधा प्रहार करने का वक्त- रोहिणी

रोहिणी ने आगे लिखा, आतंकवाद पर सीधा प्रहार करने, उसे जड़ से ख़त्म करने का वक्त है, डंकापति जी. पूरा देश पहलगाम हमले के गुनाहगारों को ख़त्म होते देखने की प्रतीक्षा में बैठा है और खात्मे के पश्चात फ़तेह का बिगुल बजते सुनना चाहता है, बिना किसी कार्रवाई के बजने वाले सायरन सुनने से क्या सधने वाला है?

26 पर्यटकों की हुई थी हत्या

बता दें कि जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 पर्यटकों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस आतंकी हमले के बादसे ही भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव का माहौल है. हमले के बाद तुरंत भारत सरकार ने देश में रह रहे पाकिस्तानियों को 48 घंटे के अंदर पाकिस्तान लौटने को कहा था. साथ ही सिंधु जल समझौते को रद्द करते हुए कई कड़े फैसले लिए थे. वहीं, अब गृह मंत्रालय ने कल 7 मई को पूरे देश में मॉक ड्रिल आयोजित करने का निर्देश दिया है.

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