नई दिल्ली. नए संसद भवन में लोकसभा की कार्यवाही में सरकार ने पहला बिल पेश किया. पहला ही बिल महिला आरक्षण से जुड़ा है. इसे ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ नाम दिया गया है. इसी बीच इस बिल पर अखिलेश यादव की पत्नी और मैनपुरी से सपा की सांसद डिंपल यादव ने कहा है, “मैं महिला हूं और इस बिल का समर्थन करती हूं. लेकिन, मैं चाहती हूं कि अंतिम पंक्ति में जो खड़ी महिला है, उसको भी उसका हक मिलना चाहिए. हम चाहते हैं कि ओबीसी महिलाओं को भी आरक्षण मिले.”

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डिंपल यादव ने कहा कि सरकार को 9 साल पूरे हो गए हैं. अगर इन्हें महिला आरक्षण बिल लाना था तो ये पहले ला सकते थे. ये इसे आखिरी साल में ला रहे हैं, जब चुनाव हैं…सपा ने हमेशा इसका समर्थन किया है और हम सभी चाहते हैं कि OBC महिलाओं का भी इसमें आरक्षण निर्धारित हो क्योंकि जो आखिरी पंक्ति में खड़ी महिलाएं हैं उन्हें उनका हक मिलना चाहिए.

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गौरतलब है कि आज नए सदन में केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने महिला आरक्षण बिल पेश किया. इस बिल में लोकसभा और विधानसभा में 33% सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित करने का प्रावधान है. इसका मतलब ये हुआ कि अब लोकसभा और विधानसभा में हर तीसरी सदस्य महिला होगी. इस बिल के कानून बनने के बाद लोकसभा में महिला सदस्यों के लिए 181 सीटें महिलाएं के लिए रिजर्व हो जाएंगी.

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