दीपक ताम्रकार, डिंडोरी। आदिवासी जिला डिंडोरी में डॉक्टरों की मनमानी इस कदर हावी है कि मरीजों को बेहतर इलाज तो छोड़िए, लोगों को पोस्टमार्टम के लिए भी घंटों इंतजार करना पड़ता है। दरअसल, सर्पदंश से 6 साल की बच्ची की मौत के बाद पोस्टमार्टम के लिए परिजन जिला अस्पताल में घंटों भटकते रहे। यह स्थिति इसलिए निर्मित हुई क्योंकि यहां कुछ डॉक्टर समय से अस्पताल नहीं पहुंचे हैं।
जानकारी के अनुसार, विक्रमपुर चौकी क्षेत्र अंतर्गत नूनखान गांव में 9 वर्षीय बच्ची रमेश्वरी गोंड को बीती रात सांप ने डस लिया था। उसे परिजन घायल अवस्था में इलाज के लिए एम्बुलेंस से जिला अस्पताल लेकर पहुंचे, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। बच्ची ने दम तोड़ दिया था। रात होने पर पोस्टमार्टम नहीं हो सका। वहीं बुधवार की सुबह से परिजन पोस्टमार्टम के लिए ड्यूटी में तैनात डॉक्टर का इंतजार करते रहे, लेकिन डॉक्टर गोपाल मरावी नहीं पहुंचे। रोते-बिलखते परिजन दो घंटे तक भटकते रहे।
बाद में रात्रि में ड्यूटी करने वाले डॉक्टर एके वर्मा को पोस्टमार्टम की जिम्मेदारी सौंपी गई। जिसके बाद बच्ची के शव का पोस्टमार्टम हुआ। वहीं डॉक्टर वर्मा ने आरोप लगाते हुए कहा किसिविल सर्जन के द्वारा उन्हें अनावश्यक रूप से मानसिक तनाव दिया जा रहा है। वहीं लोगों का कहना है कि यहां डॉक्टर कभी समय पर नहीं आते हैं। इसलिए मरीजों को भी भटकना पड़ता है।
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