दीपक ताम्रकार, डिंडोरी। मध्य प्रदेश के आदिवासी जिला डिंडोरी में बैगा महिलाओं से जमीन नामांतरण कराने के नाम पर आरोपी ने 10-10 रुपये ले लिए। लेकिन साल बीत जाने के बाद भी बैगा महिलाओं का जमीन नामांतरण का काम नहीं हुआ। जिसके बाद गरीब महिलाओं ने डिंडोरी कलेक्टर विकास मिश्रा के दफ्तर पहुंचकर लिखित शिकायत की है।

दरअसल, पूरा मामला समनापुर जनपद क्षेत्र की ग्राम चांदरानी गांव का है। जहां की रहने वाली गरीब दो बैगा महिला रमैया बाई पति गुलाब सिंह और सिंगरो बाई पति गुलाब सिंह ने कलेक्टर डिंडोरी से लिखित शिकायत कर गांव के रूपराम राठौर पर जमीन नामांतरण कराने के नाम पर दोनों से 10 हजार रुपये लेने की शिकायत की है।

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रमैया बाई और सिंगरो बाई दोनों के पति एक ही थे। गुलाब सिंह की मृत्यु हो चुकी है। जिसके बाद उसके नाम की जमीन का दोनों बंटवारा कर जमीन का नामांतरण करवाना चाहती थी। इसके लिए गांव के रूपराम राठौर ने दोनों महिलाओं से 10. 10 हजार रुपये लिए। लेकिन जमीन का नामांतरण नहीं कराया। बैगा महिलाओं ने साल भर इंतजार किया और जमीन नामांतरण के लिए रूपराम से मिन्नतें की। इसके बाद भी इसका कोई असर नहीं हुआ। गांव की भोली भाली और गरीब अशिक्षित महिलाओं ने जब अपने आप को ठगा समझा और इसकी शिकायत करने गांव चांदरानी से कलेक्ट्रेट डिंडोरी नंगे पांव ही पहुंची।

डिंडोरी कलेक्टर विकास मिश्रा ने जब दोनों बैगा महिलाओं की शिकायत सुनी और गांव से आने जाने की व्यवस्था पूछी तो दंग रह गए। महिलाओं ने बताया कि 120 रुपये खर्च कर वे कलेक्ट्रेट पहुंची। जिसके बाद कलेक्टर ने उन्हें कुछ रुपये दिए और आश्वासन दिया कि अब चिंता करने की जरूरत नहीं है काम हो जाएगा।

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