रायपुर. छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन आज सदन ने पूर्व राज्यपाल दिनेश नंदन सहाय और अविभाविज मध्यप्रदेश में विधानसभा के अध्यक्ष रह चुके श्रीनिवास तिवारी के निधन पर श्रद्धांजलि दी. स्पीकर गौरीशंकर अग्रवाल ने निधन का उल्लेख करते हुए दिवंगतों का परिचय सदन को दिया. इसके बाद मुख्यमंत्री डाॅ.रमन सिंह ने कहा कि दिनेश नंदन सहाय ने अपनी मूल्यवान सेवायें दी. पहले राज्यपाल के नाते उन पर बड़ी जिम्मेदारी थी. अपने प्रशासनिक अनुभव का उन्होंने बखूबी इस्तेमाल किया. गरीबों के बीच काम करने के लिए जाने जाते थे. सीएम ने कहा- श्रीनिवास तिवारी से व्यक्तिगत तौर पर जुड़ाव रहा है. सार्वजनिक क्षेत्र में लंबे समय तक काम किया है. 1952 में वे विधानसभा पहुँच गए थे. श्रीनिवास तिवारी का विधानसभा में लंबा भाषण देने का रिकॉर्ड आज तक कोई नहीं तोड़ पाया. विधानसभा का संचालन करने में महारत थे. रीवा के दो ही शेर थे एक जंगल का और दूसरा श्रीनिवास. कहा जाता था कि जब वे विधानसभा में बैठते थे तो सदन की गरिमा रहती थी.

नेता प्रतिपक्ष टी एस सिंहदेव ने कहा कि- 2000 से 2003 तक राज्यपाल की जिम्मेदारी संभालने वाले दिनेश नंदन सहाय उपस्थिति छत्तीसगढ़ में हम सब को गौरवान्वित करती रही है. वह आज भी हमारे लिए प्रेरणास्रोत है. टी एस सिंहदेव ने कहा- 7 घंटे तक भाषण देने का कीर्तिमान स्थापित करने वाले सफेद शेर श्रीनिवास तिवारी उन हस्तियों में थे जिनसे सभी घबराते थे. लोग कहते थे जो पंडित जी ने कहा कर दीजिए. बड़ी मजबूती से अपनी बात रखते थे. यह तभी होता है जब व्यक्ति का चरित्र ऐसा हो. जब उनकी कोई भी बातें सामने आए तो सम्मान किया जाए. जनकी बातों में कितनी गंभीरता रही होगी कि 7 घंटों तक उनकी बातों को सदन में लोगों ने सुना. सदन को उन्होंने गौरवान्वित किया .

संसदीय कार्यमंत्री अजय चंद्राकर ने कहा कि जब अटल बिहारी बाजपेयी ने छत्तीसगढ़ बनाने की घोषणा की थी तब कई चीजें बदल रही थी. छत्तीसगढ़ बनने के बाद जिन लोगों ने महत्वपूर्ण भागीदारी निभाई. उनमें से प्रमुख हस्ताक्षर को याद करेंगे तो उनमें से दिनेश नंदन सहाय एक थे. छत्तीसगढ़ के लिए बड़ा महत्वपूर्ण योगदान दिया. उन्होंने कहा जब मैं पहली बार निर्वाचित हुए तब श्रीनिवास तिवारी विधानसभा अध्यक्ष थे. संसदीय प्रणाली को मजबूत करने में जो आयाम उन्होंने पेश किया वह विधानमंडलों के लिए नज़ीर बने रहेंगे. उच्च शिक्षा मंत्री प्रेमप्रकाश पांडेय ने कहा कि- जिन दो विभूतियों को हम सदन में श्रद्धाजंलि दे रहे हैं. दोनों की शुरुआत गरीबी से हुई और सर्वोच्च पद तक पहुंचे. वहीं वरिष्ठ कांग्रेसी विधायक सत्यनारायण शर्मा ने कहा- श्रीनिवास तिवारी एक निर्भिक और निडर नेता थे. उनसे हम लोग सीखने जाते थे.अनेक अवसर पर संघर्षपूर्ण जीवन जीया है. वे गरीबो के लिए वे लगातार संर्घष करते रहे और उनकी लड़ाई लड़ते रहे है. श्रीनिवास तिवारी और दिनेश नंदन सहाय की क्षतिपूर्ति नहीं हो सकती.