Donald Trump Swearing-in Ceremony: अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कुछ ही देर में शपथ लेंगे। 20 जनवरी को ट्रंप दूसरी बार राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे। इससे पहले अमेरिका में ट्रंप की ‘डिनर पॉलिटिक्स’ सुर्खियों में है। दरअसल, ट्रंप और उपराष्ट्रपति जेडी वेंस के साथ प्राइवेट डिनर के लिए लोगों को बड़ी राशि खर्च करनी पड़ रही है। इसे फंडरेजिंग डिनर का नाम दिया गया है।

निजी इवेंट्स में मुलाकात के लिए दोगुना भुगतान

द गार्जियन की रिपोर्ट के मुताबिक, पैसा जुटाने के लिए आयोजित डिनर कार्यक्रम में टिकट पैकेज को 5 अलग-अलग स्तरों में बांटा गया है। पहला टिकट 1 मिलियन अमेरिकी डॉलर यानी कि करीब 9 करोड़ रुपये का है। यानी एक थाली की कीमत करीब 9 करोड़ रुपये है! इसके अलावा अन्य टिकटों की कीमत 500,000 डॉलर, 250,000 डॉलर, 100,000 डॉलर और 50,000 डॉलर है। बड़े डोनर्स को राष्ट्रपति ट्रंप और उपराष्ट्रपति-से निजी इवेंट्स में मुलाकात के लिए दोगुना भुगतान करना होगा।

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1700 करोड़ रुपये जुटाए गए

इस टियर के पैकेज में डोनर्स को उपराष्ट्रपति-निर्वाचित वेंस के साथ डिनर के लिए दो टिकट और ट्रंप के साथ “कैंडललाइट डिनर” के लिए छह टिकट मिलेंगे। रिपोर्ट के मुताबिक, बहुत से लोगों ने इस सबसे बड़ी रकम वाले पैकेज के लिए भुगतान किया है। इनाग्युरल कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि इस डिनर की पेशकश से अब तक करीब 1700 करोड़ रुपये जुटा लिए गए हैं। कुल 2 हजार करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा गया है।

ट्रंप से मिलने लोगों में उत्साह

साल 2017 में राष्ट्रपति के साथ हुए डिनर कार्यक्रम में 106 मिलियन डॉलर की रकम जुटाई गई थी। वहीं जब बाइडेन ने शपथ ली थी उसके पहले हुए इस कार्यक्रम में 135 मिलियन डॉलर की रकम जुटाई गई थी। इस बार ट्रंप से मिलने के लिए लोगों में खास उत्साह देखने को मिला। खासतौर पर बड़े उद्योगपति ट्रंप से बातचीत करने में खास दिलचस्पी दिखा रहे हैं। टेक्नोलॉजी के प्रमुख और विभिन्न अरबपतियों ने अपनी दान राशि बढ़ाई है ताकि वे ट्रंप से संपर्क स्थापित कर सकें और उनके व्हाइट हाउस लौटने पर उनकी पहुंच प्राप्त कर सकें।

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फेडरल इलेक्शन कमिशन (FEC) उद्घाटन फंड-रेज़िंग से संबंधित नियमों की निगरानी करता है। जैसा कि अमेरिकी संहिता के खंड 36, धारा 510 में निर्धारित है। इस नियम के अनुसार, समिति को उद्घाटन के 90 दिनों के भीतर FEC के पास एक रिपोर्ट दाखिल करनी होती है। जिसमें 200 डॉलर या उससे अधिक के किसी भी दान का विवरण देना होता है। रिपोर्ट में दान की राशि, तारीख और डोनर का नाम और पता होना चाहिए।

90 दिनों के अंदर रजिस्टर्ड चैरिटी को करना होता है दान

डोनेशन की राशि पर कोई प्रतिबंध नहीं है और न ही यह आवश्यक है कि फंड्स का उपयोग कैसे किया जाएगा। ट्रंप की समिति ने $1 मिलियन का आंकड़ा तय किया है। उन दाताओं के लिए जो नए राष्ट्रपति और उनके दल से अधिकतम पहुंच प्राप्त करना चाहते हैं। नए राष्ट्रपति की टीम को 1971 के फेडरल इलेक्शन कैम्पेन एक्ट के तहत विदेशी नागरिकों से दान स्वीकार करने की अनुमति नहीं है। इसी प्रकार विदेशी नागरिकों को ऐसे दान करने या करने का प्रयास करने से भी रोक दिया गया है। समिति को कोई डोनेशन मिलने पर, उस रकम को 90 दिनों के भीतर एक रजिस्टर्ड चैरिटी को दान करना होता है। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि इन पैसों को कैसे खर्च किया जाता है। बताया जा रहा है कि डोनाल्ड ट्रंप इन पैसों का इस्तेमाल अपने राष्ट्रपति पुस्तकालय के वित्तपोषण के लिए कर सकते हैं। आपको बता दें कि इन पैसों को लेकर विवाद भी होते रहे हैं।

Donald Trump शपथ ग्रहण से पहले आयोजित डिनर में शामिल हुए मुकेश और नीता अंबानी

गौरतरब है कि शपथ ग्रहण में विभिन्न देशों के राष्ट्रध्यक्षों के अलावा पूरे विश्व के बड़े उद्योगपतियों को भी न्योता मिला है। इसमें भारत के सबसे अमीर उद्योगपति मुकेश अंबानी भी हैं। डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह से पहले वाशिंगटन डीसी में आयोजित डिनर में रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) के चेयरमैन मुकेश अंबानी और रिलायंस फाउंडेशन की चेयरपर्सन नीता अंबानी ने भी शिरकत की।