सत्या राजपूत, रायपुर। LALLURAM.COM की खबर का बड़ा असर हुआ है. लल्लूराम डॉट कॉम की खबर पर लोक शिक्षण संचालनालय ने संज्ञान लिया है. आरटीई अधिनियम के तहत प्रवेशित गरीब बच्चों को नि:शुल्क पाठ्य पुस्तक, गणवेश और लेखन सामग्री देने के लिए आदेश जारी किया गया है. LALLURAM.COM ने निजी स्कूलों की मनमानी को प्रमुखता से उठाया था, जिसके बाद जिम्मेदार हरकत में आए.
इसके साथ ही नियम का उल्लंघन करने वाले स्कूलों पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं. सभी संभागीय संयुक्त संचालक एवं जिला शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी हुआ है. लोक शिक्षण संचालनालय से पत्र जारी हुआ.
दरअसल, शिक्षा के अधिकार के तहत बच्चों को सीट एलाट है. बावजूद निजी स्कूल प्रवेश नहीं दे रहे हैं. कक्षा 1-5 वीं तक के लिए सरकार 7 हजार रुपया देती है. कक्षा 8-11 वीं तक 11 हजार रुपया और कक्षा 9-12 वीं तक लिए 15 हजार रुपये निर्धारित है. बावजूद इसके एडमिशन नहीं मिल पा रहा है. इतना ही नहीं प्रदेश के लगभग 4 हजार प्राइवेट विद्यालयों में लगभग 4 लाख गरीब बच्चें आरटीई के अंतर्गत पढ़ रहे हैं. उनके अभिभावकों को अपने बच्चों को इस कानून के अंतर्गत पढ़ाने के लिए प्रतिवर्ष 8 से 10 हजार खर्च करना पड़ रहा है.
इस मामले में छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय बिलासपुर भी दो बार सरकार को यह आदेश दे चुका है कि प्राइवेट विद्यालयों में आरटीई के अंतर्गत प्रवेशित गरीब बच्चों को निःशुल्क पाठ्य पुस्तक, गणवेश एंव लेखन सामग्री उपलब्ध कराने की समुचित व्यवस्था किया जाए, लेकिन सरकार इस कानून और कोर्ट के आदेशों को सिर्फ कागजों तक सीमित कर रखना चाहती है. हालांकि अब इस पर लोक शिक्षा संचालनालय ने संज्ञान लेते हुए आवश्यक आदेश जारी कर दिया है.
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