अमित पांडेय, डोंगरगढ़। देशभर में शिक्षा और अनुशासन के आदर्श संस्थान कहे जाने वाले नवोदय विद्यालय से एक शर्मनाक और हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है. डोंगरगढ़ स्थित नवोदय विद्यालय में कक्षा छठवीं में पढ़ने वाले एक मेधावी दिव्यांग छात्र के साथ सहपाठियों द्वारा लगातार प्रताड़ना और अमानवीय व्यवहार किए जाने का मामला उजागर हुआ है. छात्र के पिता ने इस संबंध में एसडीएम और तहसीलदार को लिखित शिकायत दी है, जिसके बाद प्रशासन ने जांच शुरू कर दी है.
शिकायत में पिता ने आरोप लगाया है कि विद्यालय के सीनियर छात्रों ने उनके बेटे को आत्महत्या के लिए मजबूर किया. सहपाठियों ने गले में रस्सी डालकर उसे पंखे से लटकने को कहा और धमकी दी कि अगर उसने ऐसा नहीं किया तो उसका गला दबाकर मार दिया जाएगा. हाल ही में हुई घटना का जिक्र करते हुए पिता ने बताया कि सहपाठियों ने उनके बेटे को रस्सी पकड़ाकर कहा कि “फांसी लगा लो या फिर यहां से भाग जाओ.” गनीमत रही कि मौके पर मौजूद केयरटेकर ने समय रहते उसके गले से रस्सी निकाल दी, वरना बड़ी अनहोनी हो सकती थी.

लगातार प्रताड़ित करने का आरोप
पिता ने आगे बताया कि बच्चे को लगातार शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया. कभी उसकी कॉपियां चोरी कर ली जातीं, कभी बिस्तर पर पानी और मिट्टी डाल दी जाती. उसके खाने-पीने के बर्तन और चप्पल तक बाहर फेंक दिए जाते. इतना ही नहीं, सहपाठियों ने उसे यह भी धमकी दी कि अगर उसने घर या किसी शिक्षक को इसकी जानकारी दी तो उस पर पचास हजार रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा.
दिव्यांग होने के बाद दिखाई प्रतिभा
इस पूरे घटनाक्रम ने छात्र की मानसिक स्थिति को गहरा आघात पहुंचाया है. पिता का कहना है कि उनका बेटा गंभीर बीमारी से जूझ चुका है. इलाज के दौरान उसकी एक आंख निकालनी पड़ी थी, जिसमें नकली आंख लगी है, जबकि दूसरी आंख से भी आंशिक दृष्टि है. शारीरिक रूप से कमजोर होने के बावजूद उसने पढ़ाई में असाधारण प्रदर्शन किया और हाल ही में ब्लॉक स्तरीय परीक्षा में टॉप किया था. इसके अलावा 80 छात्रों की प्रतियोगिता में चौथा स्थान हासिल कर उसने अपनी प्रतिभा साबित की थी.
प्राचार्य को किया गया तलब
मामले पर एसडीएम एम. भार्गव ने कहा कि पालक द्वारा की गई शिकायत उन्हें प्राप्त हुई है. संबंधित विद्यालय के प्राचार्य को तलब किया गया है और इस पूरे प्रकरण की जांच की जा रही है. उन्होंने कहा कि किसी भी छात्र के साथ ऐसा व्यवहार अस्वीकार्य है और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
पूरे शिक्षा तंत्र पर सवालिया निशान
यह मामला सिर्फ एक बच्चे के साथ हुई प्रताड़ना नहीं है, बल्कि पूरे शिक्षा तंत्र पर गहरा सवाल खड़ा करता है. नवोदय विद्यालय जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में अगर बच्चों के साथ इस तरह की बुलिंग और हिंसक मजाक हो रहे हैं, तो यह व्यवस्था की बड़ी नाकामी है. खासकर उन बच्चों के लिए, जो पहले से ही शारीरिक चुनौतियों से जूझते हुए पढ़ाई में अपना भविष्य संवारने की कोशिश कर रहे हैं. अभिभावकों की मांग है कि दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए और ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति रोकने के लिए नवोदय विद्यालयों की निगरानी प्रणाली को और मजबूत किया जाए.
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