रायपुर। कौन कहता है कि आसमां में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारों… इस कहावत को अपने हौसलों से चरितार्थ कर दिखाया है छत्तीसगढ़ के एक ऐसे युवा ने जिसने अपने दोनों पैर एक ट्रेन एक्सीडेंट में खो दिये थे. हम बात कर रहे हैं चित्रसेन साहू की जिसने तंजानिया की माउंट किलिमंजारो पर्वत को अपनी इच्छा शक्ति की बदौलत फतह कर लिया है. ऐसा करने वाले वे भारत के पहले डबल लेग एंप्यूटी बन गए हैं. जो कि एक राष्ट्रीय रिकॉर्ड भी है.

चित्रसेन साहू ने 23 सितंबर की सुबह स्थानीय समायानुसार 11 बजे (भारतीय समय लगभग 2.00 बजे) फतह किया. उन्होंने माउंट किलिमंजारो की कठिन चढ़ाई 19 सितंबर को भारतीय समयानुसार दोपहर 4 बजे से शुरु किया था. उनके साथ माउंट एवरेस्ट फतह करने वाले छत्तीसगढ़ के ही पर्वतारोही राहुल गुप्ता ने साथ में चढ़ाई पूरी की.

आखिरी दिन इस साहसी पर्वतारोही ने 12 घंटे की चढ़ाई माइनस 5 से माइनस 10 डिग्री तापमान में धूल भरे ठंडे तूफान के बीच की. लगातार मुश्किल भाग की चढ़ाई पूरी की. इस दौरान उन्हें चोंटे भी आई लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी. चित्रसेन का उहरु चोटी तक पहुंचने का लक्ष्य था लेकिन समय ज्यादा होने की वजह से किलिमंजारो नेशनल पार्क के नियम तथा मौसम और रेस्क्यू को दृष्टिगत रखते हुए वहां के अधिकारियों ने आगे जाने से उन्हें रोक दिया.

प्रमाण पत्र

अपनी इस उपलब्धि पर चित्रसेन का कहना है कि उन्होंने हमेशा से ही अपने लोगों के हक के लिए काम किया है ताकि उन लोगों के साथ भेदभाव ना हो. शरीर के किसी अंग का ना होना कोई शर्म की बात नहीं है, ना ये हमारी सफलता के आड़े आता है, बस जरूरत है तो अपने अंदर की झिझक को खत्म कर आगे आने की. हम किसी से कम नहीं, ना ही हम अलग हैं तो बर्ताव में फर्क क्यों करना. हमें दया की नहीं आप सबके साथ एक समान ज़िन्दगी जीने का हक चाहिए.

चित्रसेन का कहना है “अपने पैरों पर खड़े हैं” मिशन के पीछे हमारा एक मात्र उद्देश्य है सशक्तिकरण और जागरूकता, जो लोग जन्म से या किसी दुर्घटना के बाद अपने किसी शरीर के हिस्से को गवां बैठते हैं. उन्हें सामाजिक स्वीकृति दिलाना, उनके नाम के आगे से विकलांग, दिव्यांग शब्द को हटाना ताकि उन्हें समानता प्राप्त हो ना किसी असमानता के शिकार हो तथा बाधारहित वातावरण निर्मित करना और चलन शक्ति को बढ़ाना.

चित्रसेन साहू ब्लेड रनर और बास्केटबॉल खिलाड़ी भी हैं. छत्तीसगढ़ शासन एवं मोर रायपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा प्लास्टिक फ़्री अभियान के लिए उन्हें ब्रांड एंबेसडर बनाया गया है. जिसके तहत साहू द्वारा प्लास्टिक फ़्री अभियान का मेसेज किलीमंजारो पर्वत से दिया गया.

पर्वतारोहण की जानकारी –

कैंपेन – अपने पैरों पर खड़े हैं
स्थान – अफ्रीका महाद्वीप
देश – तंजानिया
पर्वत – माउंट किलिमंजारो
ऊंचाई – 5685 मीटर
कुल चड़ाई- 6 दिन
रायपुर से प्रस्थान- 16/09/19

मौसम एवं स्वास्थ्य को मद्देनजर रखते हुए 19 स्थानीय समय दोपहर 1 बजे से माउंट किलिमंजारो की चढ़ाई प्रारंभ किया और 23 सितंबर की सुबह 11 बजे फतह किया.

आपको बता दें पेशे से सिविल इंजीनियर चित्रसेन साहू साल 2014 में बिलासपुर जाने के लिए निकले थे. भाटापारा स्टेशन में पानी पीने के लिए वो उतरे थे और चढ़ने के दौरान उनका पैर स्लिप हो गया था. जिसकी वजह उन्होंने अपने दोनों पैर इस हादसे में खो दिये थे. दुर्घटना के बाद वो एक लंबे मानसिक अवसाद से गुजरे और फिर उससे बाहर निकल कर सभी के लिए एक बड़ा उदाहरण पेश किया.