अक्सर देखा जाता है कि बच्चे पलंग पर टेढे़-मेढ़े होकर बैठे रहते हैं. वहीं, बच्चे घुटनों को इस तरह मोड़कर बैठ जाते हैं जिससे उनके पैर डबल्यू पॉजीशन (W Position) में दिखने लगते हैं यानी दोनों घुटने सामने से जुड़े हुए और पैरों के पंजे शरीर के दोनों तरफ फैले हुए नजर आते हैं और डबल्यू शेप बनाते हैं. बच्चे का नितंब जमीन से लगा हुआ रहता है लेकिन हिप्स के बाहर पैर दिखते है. ज्यादातर 2 से 4 साल के बच्चों में इस तरह बैठने की आदत देखने को मिलती है.

बच्चों को ऐसे बैठने में आराम महसूस हो सकता है लेकिन लंबे समय में बैठने का यह तरीका कई स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों और हड्डियों के रोग का कारण भी बन सकता है. आइए जानते हैं बच्चों के डबल्यू पॉजीशन में बैठने के क्या क्या नुकसान हो सकते हैं. Read More – Satyaprem Ki Katha : एक बार फिर बड़े पर्दे पर दिखेगी Kartik Aaryan और Kiara Advani की जोड़ी, रोमांस से भरपूर Teaser आया सामने …

डबल्यू पॉजीशन में बैठने के नुकसान

हिप डिस्लोकेशन

डबल्यू पॉजीशन (W Position) में बैठने से बच्चों को हिप्स यानी कमर से जुड़ी दिक्कतें हो सकती हैं. इस तरह बैठने पर कमर में जकड़न, हिप डिस्लोकेशन, मांसपेशियों में खिंचाव, दर्द और कोर स्ट्रेंथ कम हो सकती है. डबल्यू पॉजीशन में बैठने पर बच्चे की कोर मसल्स काम नहीं आतीं जैसे कि आम तरह से बैठने पर होता है. इस चलते लंबे समय तक ऐसे बैठने पर ट्रंक मसल्स कमजोर हो सकती हैं.

क्रोस बॉडी मूवमेंट्स का कम होना

बच्चे का इस तरह बैठना क्रोस बॉडी मूवमेंट्स को सीमित कर देता है. इससे बच्चे दोनों हाथों को चलाते हैं और कोई एक हाथ उनकी पसंद नहीं रहता है. ऐसा इसलिए क्योंकि डबल्यू पॉजीशन (W Position) में दोनों हाथ आराम से इस्तेमाल किए जा सकते हैं. Read More – Today’s Recipe : साउथ इंडियन डिश को इटेलियन ट्विस्ट देते हुए बनाएं Cheese Dosa, यहां जानें रेसिपी …

मांसपेशियां जकड़ने लगती हैं

मसल्स का टाइट होना या कहें जकड़न होना भी डबल्यू पॉजीशन का प्रभाव हो सकता है. इस दिक्कत को हाइपरटोनिया भी कहते हैं. डबल्यू पॉजीशन (W Position) में बैठने पर हिप्स, घुटने और पैरों में भी जकड़न होने लगती है.

माता-पिता क्या कर सकते हैं

जब भी आप देखें कि आपका बच्चा डबल्यू पॉजीशन (W Position) में बैठा है तो उसे टोकें और ठीक तरह से बैठने के लिए कहें. बच्चे को या तो आलती-पालती मारकर बैठने के लिए कहें या फिर पैरों को एकदम सीधा करके बैठने के लिए. बबीन बैग या फिर अलग तरह की पॉजीशन में बैठने की बच्चे से प्रैक्टिस करवाएं.