दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना और मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (DDMA) की एक महत्वपूर्ण बैठक का संचालन किया. इस बैठक में भूकंप, शहरी बाढ़ और अत्यधिक गर्मी जैसी आपदाओं से निपटने की तैयारियों की समीक्षा की गई. आपदा प्रबंधन की बैठक में यह स्पष्ट हुआ कि दिल्ली उन कुछ राज्यों में से एक है, जहां राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) का अभाव है. इसके अतिरिक्त, राजधानी में केंद्रीय कमांड और नियंत्रण केंद्र (CCC) भी स्थापित नहीं है. यही कारण है कि आपदा के समय समन्वित प्रतिक्रिया प्रदान करना चुनौतीपूर्ण हो जाता है.

दिल्ली के सागरपुर में सरेआम चाकूबाजी, एक नाबालिग की मौत और दूसरा गंभीर, CCTV में कैद हुई वारदात

उपराज्यपाल विनय सक्सेना ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे SDRF के लिए शीघ्रता से भूमि या भवन उपलब्ध कराएं. उन्होंने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता से आग्रह किया कि वे लॉजिस्टिक्स और संसाधनों से संबंधित समस्याओं का समाधान करें, जिन्हें पूर्व सरकार ने अनदेखा किया था.

भूकंप से निपटने के लिए ठोस रणनीति की जरूरत

बैठक में यह स्पष्ट किया गया कि दिल्ली भूकंपीय क्षेत्र-IV में स्थित है, जिसे संवेदनशील माना जाता है. 18 फरवरी 2025 को आए भूकंप के बाद शहर में अग्निशामक उपायों और रोकथाम के लिए अधिकारियों को अभी से आवश्यक तैयारियों को सुनिश्चित करने की आवश्यकता है.

इन क्षेत्रों में इमरजेंसी खतरा ज्यादा

विशेषज्ञों का मानना है कि यमुना के किनारे, उत्तर, उत्तर-पश्चिम और दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के घनी बस्तियों में भूकंप का खतरा सबसे अधिक है. इन क्षेत्रों में अनधिकृत कॉलोनियों में चार से पांच मंजिला कमजोर संरचनाएं मौजूद हैं, जो गंभीर जोखिम उत्पन्न कर सकती हैं.

Weather Forecast: होली से पहले गर्मी ने दिखाए तेवर, इस राज्य में 42 डिग्री हुआ तापमान, IMD का हीटवेव अलर्ट

समर एक्शन प्लान 2025 पर करें काम

एलजी और सीएम ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे एक महीने के भीतर ग्रीष्मकालीन कार्य योजना 2025 और बाढ़ प्रबंधन कार्य योजना को तैयार कर लागू करें. बैठक में नई सरकार ने आपदा प्रबंधन को प्राथमिकता देने की आवश्यकता पर जोर दिया.

आपदा प्रबंधन की बैठक में शामिल अहम मुद्दे

दिल्ली में आपदाओं के संभावित खतरों का मूल्यांकन और जोखिम का विश्लेषण करना आवश्यक है. भूकंप से सुरक्षा और तैयारी के लिए एक ठोस कार्य योजना विकसित करना महत्वपूर्ण है. शहरी बाढ़ की रोकथाम और उसके प्रभावों से निपटने के लिए प्रभावी उपायों की आवश्यकता है. भीषण गर्मी और लू के दुष्प्रभावों से बचने के लिए 2025 के लिए एक हीट एक्शन प्लान तैयार किया जाना चाहिए. गर्मी के मौसम और मानसून से पहले सुरक्षा और आपातकालीन उपायों की योजना बनाने पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए.

नालों और सीवरों की नियमित सफाई, जल निकासी प्रणाली को सुधारने और बाढ़ संभावित क्षेत्रों में अतिरिक्त पंप स्थापित करने की योजना बनाई गई है. यह निर्णय दिल्ली के उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित आपदा प्रबंधन बैठक में लिया गया.