कोरबा। छत्तीसगढ़ के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने कोरबा जिले में कोरोना संक्रमण की वर्तमान स्थिति की समीक्षा की. कोरबा जिला प्रशासनिक एवं स्वास्थ्य अधिकारियों की बैठक ली. राजस्व मंत्री को अधिकारियों ने कोरबा जिले के विभिन्न क्षेत्रों में कोरोना मरीजों की वर्तमान स्थिति और अस्पतालों में उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी दी.

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कोरबा जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ बीबी बोर्डे ने बताया कि जिले के विभिन्न अस्पतालों में उपलब्धता के आधार पर वर्तमान समय में कुल 1402 बिस्तरों की सुविधा उपलब्ध है, जिनमें से ईएसआईसी कोविड अस्पताल में 142, बालको कोविड अस्पताल में 50, एनटीपीसी कोविड अस्पताल में 52, सीपेट कोरबा में 885, सीईटीआई गेवरा में 48, जिला अस्पताल कोरबा में 10, एसईसीएल मुड़ापार अस्पताल में 30, सृष्टि अस्पताल कोरबा में 54, जीवन आशा जमनीपाली में 50 और बालाजी ट्राॅमा सेंटर में 81 बिस्तरों की सुविधा उपलब्ध है.

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डाॅ. बोर्डे ने मंत्री अग्रवाल को बताया कि जिले में उपलब्ध कुल 1527 बिस्तरों की क्षमता के एवज में 207 बिस्तरों के लिए ऑक्सीजन सुविधा और आईसीयू के 75 बिस्तरों सहित कुल 282 मरीजों के लिए विशेष सुविधा उपलब्ध है. डाॅ. बोर्डे ने आगे बताया कि जिले में वर्तमान समय में ऑक्सीजन सपोर्ट सुविधा की कोई कमी नहीं है, लेकिन शीघ्र ही वैकल्पिक व्यवस्था की आवश्यकता पड़ेगी.

अनुविभागीय दंडाधिकारी सुनील नायक ने बताया कि कोरबा जिला प्रशासन के पास वर्तमान में मात्र 22 रेमडेसिविर इंजेक्शन की उपलब्धता है, जबकि मरीजों की संख्या को देखते हुए हमें इसके लिए पहले से तैयार रहने की आवश्यकता है. उन्होंने बताया कि जांजगीर-चांपा अथवा बिलासपुर में इंजेक्शन के पर्याप्त स्टाॅक हैं. उनके यहां अपेक्षाकृत खपत कम है. रेमडेसिविर इंजेक्शन की तत्काल उपलब्धता के लिए राजस्व मंत्री ने कलेक्टर जांजगीर-चांपा और कलेक्टर बिलासपुर से बात कर उनके यहां उपलब्ध स्टाॅक मे से तत्काल कोरबा को आपात स्थिति से निपटने के लिए रेमडेसिविर इंजेक्शन उपलब्ध कराने निदेर्शित किया.

इस संबंध में मंत्री अग्रवाल ने प्रदेश के अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य रेणु पिल्लई से भी बात की. पिल्लई ने इस दिशा में तत्काल कार्रवाई करवाने का आश्वासन दिया. उन्होंने कहा कि रेमडेसिविर इंजेक्शन की निर्वाध आपूर्ति करने के उपाय सरकार द्वारा किए जा रहे हैं. शीघ्र ही यह सुलभ हो सकेगा.

कोरबा जिला पंचायत मुख्य कार्यकारी अधिकारी कुदन कुमार ने कहा कि पाली स्थित श्री विनायक निजी अस्पताल में पचास मरीजों को रखने की सुविधा है. अस्थाई तौर पर उसे भी कोविड अस्पताल के तौर पर संचालित किया जा सकता है. इसी प्रकार से पोंड़ी, कटघोरा, करतला, जटगा-पसान आदि क्षेत्रों में भी न्यूनतम 10-10 बिस्तरों की सुविधा उपलब्ध कराए जाने की आवश्यकता है. ताकि गंभीर स्थिति वाले मरीजों को कोरबा तक आने की आवश्यकता न पड़े.

इस संबंध में राजस्व मंत्री ने सुझाव दिया कि प्रशासनिक स्तर पर जिला पंचायत और स्वास्थ्य विभाग मिलकर आवश्यकतानुसार ग्रामीण क्षेत्रों में इसकी व्यवस्था करने का उपाय करें. कुंदन कुमार ने अपनी बात जारी रखते हुए बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में शहरी अथवा नगरीय व उपनगरीय क्षेत्रों की अपेक्षा कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या यद्यपि अधिक है, फिर भी उनके स्वास्थ्य में तेेजी से सुधार आ रहा है. उन्होंने आगे बताया कि प्रशासनिक और स्वास्थ्य अधिकारियों में आपसी सामंजस्य से होम आईसोलेशन वाले मरीजों की विभिन्न आवश्यकताओं की बराबर माॅनिटरिंग की जा रही है.

राजस्व मंत्री द्वारा जिले के विभिन्न अस्पतालों में ऑक्सीजन की उपलब्धता की जानकारी चाहे जाने पर अनुविभागीय दण्डाधिकारी सुनील नायक ने बताया कि कोरबा में 3 ऑक्सीजन संयंत्र संचखलित हैं, जो पहले औद्योगिक ऑक्सीजन की आपूर्ति करते थे लेकिन जिला प्रशासन की पहल पर उन संयंत्रों ने मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति करना आरंभ कर दिया है. आपनी बात जारी रखते हुए सुनील नायक ने बताया कि इन संयंत्रों की क्षमता 15 घंटे में 1800 सिलेंडर की क्षमता है जबकि वर्तमान में कोरबा में 925 ऑक्सीजन सिलेंडर की खपत है.

डाॅ. बोर्डे ने राजस्व मंत्री को अवगत कराया कि स्याहीमुड़ी स्थित सीपेट में उपलब्ध बिस्तरों में से 250 बिस्तरों को पाईपलाईन युक्त ऑक्सीजन  सपोर्ट वाले बिस्तरों में बदलने की योजना है. इस संबंध में रजस्व मंत्री ने स्वास्थ्य विभाग और प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देशित किया कि तत्काल इस सुविधा को उपलब्ध कराया जाना सुनिश्चित करें. डाॅ. बोर्डे ने बताया कि यह कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है और बुधवार तक पूरा कर लिया जाएगा.

राजस्व मंत्री द्वारा मोहल्ला क्लीनिक के संचालन हेतु स्वास्थ्य कर्मियों के संबंध में चाही गई जानकारी पर बताया गया कि कोरबा शहरी क्षेत्र के लिए मोहल्ला क्लीनिक के सुचारू संचालन के लिए डीएमएफ मद से 48 स्वास्थ्य कर्मियों का चयन किया गया है. वर्तमान समय में कोविड संक्रमण के मद्देनजर मंत्री अग्रवाल ने स्वास्थ्य व्यवस्था को चुस्त दुरूस्त करने के लिए इन स्वास्थ्य कर्मियों को एक सप्ताह के भीतर कार्यभार ग्रहण कराने हेतु आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए. इसी प्रकार जिला अस्पताल के विभिन्न विभागों में राज्य आपदा मोचन कोष से 54 स्वास्थ्य कर्मियों के चयनित होने की जानकारी दी गई.

राजस्व मंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि कोरबा एक औद्योगिक नगरी होने के कारण विभिन्न उपनगरीय क्षेत्रों व उनकी कालोनियों के निकट बसाहट वाली बस्तियों में संक्रमण का प्रसार रोकने के लिए युद्ध स्तर पर रणनीति बनाकर कार्य करने की आवश्यकता है. मंत्री अग्रवाल ने वर्तमान समय में कोरोना संक्रमित मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने और यथावश्यकता गंभीर और अतिगंभीर प्रकृति के मरीजों को समुचित स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए तैयार रहने की दिशा में ठोस कदम उठाने की आवश्यकता पर जोर दिया.

राजस्व मंत्री ने कहा कि आवश्यकतानुसार विभिन्न स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए उनके स्वयं के विधायक निधि और डीएमएफ कोष से धन उपलब्ध कराया जाएगा. जयसिंह अग्रवाल ने इस बात पर विशेष बल देते हुए कहा कि उनका प्रयास है कि स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में किसी भी मरीज को अन्यत्र भटकना न पड़े. इस दिशा में उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों और जिला स्वास्थ्य विभाग को निर्देशित करते हुए कहा कि तत्काल प्रभाव से 10 नग वेंटिलेटर और 25 नग एन.आईवी की व्यवस्था की जाए.

राजस्व मंत्री का यह प्रयास है कि इन सुविधाओं के अभाव में किसी मरीज को दम न तोड़ना पड़े. मंत्री अग्रवाल ने अधिकारियों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि वे सब मिलकर इस संक्रमण काल में मरीजों और व्यवस्था की देखभाल में पूरी निष्ठा से लगे हैं और विश्वास है कि आगे भी सेवा भावना की नई मिसाल कायम करेंगे. राजस्व मंत्री ने कोरबा जिला स्वास्थ्य विभाग के लिए एक नग सी टी सकैन मशीन खरीदे जाने की बात पर सहमति जताई और अगली कार्रवाई के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया.

बैठक में नगर पालिक निगम के महापौर राजकिशोर प्रसाद, आयुक्त नगर पालिक निगम कोरबा व प्रभारी अतिरिक्त कलेक्टर एस. जयवर्धन, अपर आयुक्त अशोक शर्मा, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. बी.बी. बोर्डे, अनुविभागीय दण्डाधिकारी सुनील नायक, डिप्टी कलेक्टर आशीष देवांगन, डाॅ. कुमार पुष्पेन्द्र, स्वास्थ्य विभाग के सिटी परियोजना प्रबंधक अशोक सिंह, स्वरूप धारा उपस्थित रहे.

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