रोहित कश्यप, मुंगेली. जिले के जरहागांव स्थित कन्या छात्रावास में हॉस्टल अधीक्षिका पर पुरुष शख्स को बुलाने के मामले में एक नया मोड़ आया है. दरअसल हॉस्टल में रह रही बच्चियों ने हॉस्टल अधीक्षिका के खिलाफ कई बिंदुओं में शिकायत की थी, जिसमें सबसे बड़ा और संगीन आरोप ये था कि हॉस्टल अधीक्षिका द्वारा कर्मचारियों के छुट्टी के बाद एक पुरुष शख्स को बुलाया जाता है. कलेक्टर राहुल देव के निर्देश व एसडीएम अमित कुमार के नेतृत्व में गठित जांच में ये क्लियर हुआ है कि वहां किसी पुरुष को नहीं बुलाया जाता, ये बात हम नहीं बल्कि सीसीटीवी फुटेज खंगालने के बाद मामले की जांच कर रही टीम ने कही.

टीम ने जांच के दौरान हॉस्टल के सभी 12 बच्ची एव 4 कर्मचारियों का भी बयान लिया, जिसमें ये बात भी सामने आई है कि हॉस्टल अधीक्षिका द्वारा अनुशासन बनाए रखने विभाग के निर्देशों का कड़ाई से पालन कराया जा रहा था. वही जांच के दौरान हॉस्टल में कुछ कमियां पाई गई है, जिसे विभागीय अधिकारियों को दुरुस्त करने के निर्देश दिए गए हैं.

इस मामले के संज्ञान में आते ही कलेक्टर राहुल देव ने शिकायत वाले दिन ही हॉस्टल अधीक्षिका को हटा दिया था.इसके अलावा कारण बताओ नोटिस जारी कर तीन सदस्यी टीम ने जांच की. वही कारण बताओ नोटिस के जवाब में हॉस्टल अधीक्षिका का जवाब भी संतोषप्रद बताया जा रहा है. बहरहाल जांच में पाए गए तथ्यों के आधार पर शिकायत को निराधार एव द्वेषपूर्ण शिकायत करार दिया गया है.

समझिए पूरा घटना क्रम
इस पूरे मामले की शिकायत हॉस्टल की बच्चियों ने कलेक्टर के समक्ष 18 जुलाई को की थी. जांच में पता चला है कि कोरोना की वजह से करीब 2 वर्ष तक हॉस्टल बंद थे, जबकि इस सत्र में 14 जुलाई से हॉस्टल का खुलना पाया गया है. इसके अलावा सीसीटीवी फुटेज 14 से 18 जुलाई का खंगाला गया, जिसमें किसी भी पुरुष शख्स का आना जाना दिखाई नहीं दिया है. वहीं जांच के दौरान पता चला है कि 12 में से 7 बच्ची पुराना जबकि 5 बच्ची नई स्टूडेंट हैं.

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