नोएडा। ऊर्जा एवं अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत मंत्री पं. श्रीकान्त शर्मा ने बुधवार को नोएडा में पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम के अंतर्गत उपभोक्ता सुविधाओं और योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की। ऊर्जा मंत्री ने कहा कि सरकार के लिए ‘उपभोक्ता देवो भवः’ की नीति सर्वोपरि है। उपभोक्ता सेवाओं में लापरवाही पर डिसकॉम की जवाबदेही तय होगी।

ऊर्जा मंत्री ने कहा कि आगामी गर्मियों में एनसीआर और प्रदेश ट्रिपिंग फ्री हो, इसके लिये प्रयास तेज करें। इसके लिए जो भी आधारभूत सुविधाएं या तकनीकी आवश्यकताएं हैं उन्हें जरूर पूरा कर लिया जाए। उन्होंने निर्देशित किया कि उपभोक्ता हित में वर्षों से टेम्पररी कनेक्शन पर चल रही सोसायटियों की जांच करें। उपभोक्ताओं की सुरक्षा से किसी भी प्रकार का खिलवाड़ नहीं होना चाहिए। साथ ही उपभोक्ता सुविधाओं का दुरुपयोग करने वालों पर कार्रवाई करें।

ऊर्जा मंत्री ने कहा कि पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम का लगभग 15,000 करोड़ रुपये बकाया है। उपभोक्ताओं को समय पर सही बिल मिले और यह डाउन लोडेबल बिल हो यह डिस्कॉम के एमडी सुनिश्चित करें। 31 जनवरी तक 100% प्रोब बिलिंग सुनिश्चित करें। तीन महीने तक के बकायेदारों का डिस्कनेक्शन नहीं डोर नॉक करें। उपभोक्ताओं को बिल भरने के लिये प्रेरित करें। बगैर सूची लिये तकादा करने कार्मिक न जाएं। जनप्रतिनिधि व उपभोक्ताओं के सहयोग से लाइन लॉस को सिंगल डिजिट में लेकर आएं।

ऊर्जा मंत्री ने बिलिंग में समस्याओं पर नाराजगी जताते हुए कहा कि उपभोक्ता को समय से बिल मिले यह डिस्कॉम सुनिश्चित कराये। एजेंसियों से हुए करार का पूरा अनुपालन हो इसकी भी प्रबंध निदेशक अपने स्तर से समीक्षा कर लें। जहां खामियां हैं, वहां एजेंसियों के खिलाफ एफआईआर कराएं।

ऊर्जा मंत्री ने कहा कि कोविड-19 एकमुश्त समाधान योजना में व्यावसायिक,औद्योगिक और निजी संस्थानों को मिल रही 100% सरचार्ज माफ़ी के लिए सभी उपभोक्ताओं का 31 जनवरी 2021 तक पंजीकरण सुनिश्चित करें। 28 फरवरी 2021 तक किस्तों में पूरा बकाया जमा हो प्रबंध निदेशक यह भी सुनिश्चित करें। आपूर्ति की समीक्षा में उन्होंने कहा कि गांवों में सूर्यास्त से सूर्योदय तक निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करें। साथ ही किसानों के पूर्ण जमा योजना के तहत ट्यूबवेल कनेक्शन के आवेदनों की पेंडेंसी भी एक माह में खत्म करें।

ऊर्जा मंत्री ने कहा कि डिस्कॉम के प्रबंध निदेशक व निदेशक फील्ड में निकले, उपकेंद्रों की मॉनिटरिंग के लिए जाएं। सभी नोडल अधिकारी अपने अधीन उपकेंद्रों का भौतिक निरीक्षण जरूर कर लें। उपकेंद्रों पर उपभोक्ता शिकायतों का समय से निराकरण हो, इसमें कहीं कोई कोताही स्वीकार्य नहीं होगी।