सत्यपाल राजपूत, रायपुर। नगर पालिक निगम की सामान्य सभा बैठक जारी है. प्रारम्भ में एक घंटे की अवधि के दौरान प्रश्नकाल के बाद अब प्रस्तावों पर चर्चा जारी है. गार्डन सौंदर्यीकरण के लिए 12 करोड़ का प्रस्ताव रखा गया. पहली बार निगम में सरकारी ज़मीन बेचने का प्रस्ताव पेश हुआ. इसके साथ ही 14 अलग-अलग प्रस्तावों पर एक-एक करके चर्चा जारी है.

जवाहर बाजार और अग्रसेन चौक की दुकानें, डुमरतराई स्थित भूखंड के मोनेटाइजेशन, पुराने निगम मुख्यालय के भूखंड के मोनेटाइजेशन, अंतर्राज्यीय बस स्टैंड के संचालन एवं संधारण का विस्तार, कालीमाता वार्ड में हाट बाजार के बाजू व्यवस्थापन जैसे मुद्दों पर चर्चा हो रही है.

हंगामे के बीच सौंदर्यीकरण के प्रस्ताव पर चर्चा जारी है. नेता प्रतिपक्ष ने सवाल उठाते हुए कहा कि निगम में घटिया काम हो रहा है. निगम पर स्मार्ट सिटी ने कब्जा कर लिया है. निगम के अधिकारी सत्ता पक्ष मूकदर्शक बनी हुई है. 12 करोड़ के टेंडर को लेकर सवाल उठाते हुए कहा कि प्रस्ताव में नियम स्पष्ट नहीं है. हम किसी भी विकास विकास कार्य के विरोधी नहीं है, लेकिन जो प्रक्रिया अपनाई जा रही है, उस पर संदेह है. उस पर सवाल उठा रहे हैं.

हमारे प्रश्नों का उत्तर नहीं मिल रहा है. सत्ता पक्ष का काम है, हमारे सवालों का उत्तर दें. पार्षदों को विकास कार्य के लिए पैसे नहीं मिल रहे हैं, लेकिन सौंदर्यीकरण लिए 12 करोड़ का प्रस्ताव है, तो सवाल उठा रहे हैं. प्रस्ताव में सौंदर्यीकरण लिखा हुआ है, ये भी स्पष्ट नहीं है. हमारे सवाल के जवाब नहीं दिए जा रहे हैं. क्या हम पागल हैं.

महापौर एजाज़ ढ़ेबर ने कहा कि प्रस्ताव में एक एक विवरण दिया गया है, जो तालाब हैं, उसका सौंदर्यीकरण है और और उद्यान में निर्माण कार्य विपक्ष के लोग भी अपने हैं. विपक्ष के काम सवाल उठाना और सुझाव देना है. हर बात पर सवाल किया जा रहा है, जो प्रस्ताव है, उसमें और अच्छा कैसे किया जा सकता. इस पर कभी कोई सुझाव नहीं देते. ठेकेदार को लेकर सवाल उठाया जा रहा है कि उनको ठेका क्यों दिया गया है. ठेका के नियम शर्तों हैं, जो योग्य व्यक्ति हैं, उन्हीं को ठेका दिया गया है.

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