लखनऊ. उत्तर प्रदेश विधानसभा में बजट सत्र का आज पांचवां दिन है. सदन में चर्चा के पांचवें दिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ राज्यपाल के अभिभाषण पर जवाब दे रहे हैं. भाषण की शुरुआत में सीएम योगी ने सबसे पहले नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव समेत विपक्ष के सदस्यों को चर्चा में शामिल होने के लिए धन्यवाद दिया.

सीएम योगी ने कहा कि राज्यपाल को धन्यवाद देते हुए कहा कि ‘मैं राज्यपाल जी का धन्यवाद देता हूं. जिन्होंने सदन में आकर सभी निर्वाचित सदस्यों का अभिनंदन किया. राज्यपाल ने पिछले कार्यकाल के कार्यो को अवगत करवाया, सदस्यों ने भी बहुत सारी चीजें रखीं. नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव जी ने भी अपनी बात रखी. इन चर्चाओं के बीच में हमको रास्ता निकालना है. नेता प्रतिपक्ष जी के भाषण को मैंने पूरी तल्लीनता से सुना.’ नेता प्रतिपक्ष ने अच्छा भाषण दिया. लेकिन अगर अपने भाषण में वे यदि कुछ घोटालों की भी बात कर लेते तो अच्छा होता. खनन घोटाला, सहकारिता घोटाला जैसे कई मुद्दे हैं, इन पर भी बात कर लेते तो बहुत अच्छा होता.

विपक्ष पर निशाना

राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर निशाना भी साधा. उन्होंने कहा कि उनका पूरा भाषण जनादेश का अनादर करने वाला जैसा था. सीएम ने कहा कि जनता ने भाजपा को जनादेश दिया है. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में हम पूरे देश में चुनाव लड़ते हैं और उन्हीं के कार्यो का उल्लेख राज्यपाल ने यहां किया था. जनता से मिला जनादेश सरकार के प्रति जनता का सम्मान है.

जनता सब जानती थी

सीएम ने कहा कि हमने ढिंढोरा पीटकर कभी नहीं कहा कि हमने मेट्रो चलवा ली, जनता जानती थी कि कौन निवेश ला रहा है. राशन कौन दे रहा है. इसी कारण 37 सालों के बाद कोई सरकार अपना पूरा कार्यकाल करके दोबारा वापस आई है.

फोन बजने पर नाराज हुई स्पीकर

सदन की कार्यवाही के बीच एक समय ऐसा आया जब विधानसभा अध्यक्ष को नाराजगी जाहिर करनी पड़ी. दरअसल, सत्र के दौरान किसी सदस्य का फोन बजा. इस पर स्पीकर सतीश महाना ने आपत्ति जताई. उन्होंने फोन जमा करने का निर्देश दे दिया. इसके अलावा स्पीकर ने सदस्यों को सदन के भीतर फोन ना लाने की समझाइश दी. साथ ही कहा कि यदि फोन लाएं तो उसे साइलेंट मोड पर रखें.

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