रमेश सिन्हा, पिथौरा. महासमुन्द जिले के पिथौरा के मंडी प्रांगण में गुरुवार को जिला स्तरीय सामूहिक विवाह अव्यवस्था के बीच सम्पन्न हुआ. शासन की इस महत्वपूर्ण जनहित कल्याणकारी मुख्यमंत्री कन्या विवाह के जिला स्तरीय कार्यक्रम में अव्यवस्था व निमंत्रण को लेकर कार्यक्रम के अतिथि, जनप्रतिनिधि व पत्रकारों ने कार्यक्रम से दूरी बनाए रखी, क्योंकि विभाग की ओर से कार्यक्रम को लेकर किसी प्रकार की सूचना नहीं दी गई.

समाज कल्याण विभाग की ओर से पिथौरा के कृषि उपज मंडी प्रांगण में सामूहिक कन्या विवाह का आयोजन किया गया. आयोजन के लिए शासन द्वारा 2500 प्रति जोड़ा, 500 किराया खर्च, 2000 प्रति जोड़े कपड़ों के लिए एवम 9000 रुपये उपहार सामग्री खरीदने हेतु दिए जाते है. परंतु इस तरह के कार्यक्रमों में भी अफसर लापरवाही बरतने से नहीं चूकते. सामूहिक विवाह को समाज के वरिष्ठजनों  के साथ सम्पन्न कराने की बजाय अफसर इसे गुपचुप तरीके से सम्पन्न कराने में ज्यादा दिलचस्पी दिखाते है.

न बैठने की व्यवस्था, न खाने-पीने की

लिहाजा, सामाजिक कार्यकर्ता आयोजन में दिखाई देने की बजाय मण्डप पर दूल्हा-दुल्हन व उसके परिजन ही दिखते हैं. कार्यक्रम में भारी लापरवाही देखने को मिली. कार्यक्रम में ना तो परिजनों के बैठने की उचित व्यवस्था की गई, जिससे परिजन जमीन में बैठे रहे ना ही पानी व भोजन के टोकन के लिये काउंटर बनाया गया. दूरदराज से आये परिजन भोजन पानी के लिये भटकते रहे. पंखे की व्यवस्था नही होने के कारण परिजन पसीने से लतपथ होते रहे. विभाग की ओर से उपहार स्वरूप वर-वधु को जो सामग्री दी गई है, वह अभी से टूटने लगे हैं, घटिया समान की खरीदी कर अधिकारी अपने जेब गरम किए हैं.

परिजनों ने लगाया बदइंतजामी का आरोप

पिथौरा ब्लाँक के आँरगी से आई कचरा बाई ने कहा कि हमें न तो खाना के लिया पूछा गया और न ही पानी के लिए. जो समान दिया गया है, वह अभी से टूटने लगा है. कचरा बाई अपनी बेटी व सहेलियां की शादी कराने पहुंची थी. वहीं आयोजन में पत्रकारों व सामाजिक लोगों को आमंत्रित नहीं करने के संबंध में जिला महिला एवम बाल विकास अधिकारी विजेंदर सिंह ठाकुर ने बताया कि व्हाट्सएप्प के एक ग्रुप में आमंत्रण पत्र पोस्ट कर दिया गया था. व्यस्त रहने के कारण कार्ड नहीं बांटा गया. इस अव्यवस्थित आयोजन में जिले भर के (बागबाहरा ब्लॉक छोड़ कर) 111 जोड़े परिणय सूत्र में बंधे.