मनोज यादव, कोरबा। भूमि अधिग्रहण के बदले रोजगार और मुआवजा देने, प्रभावितों को खदान में काम देने, भूविस्थापितों को काबिज भूमि का पट्टा देने सहित विभिन्न मांगों को लेकर छत्तीसगढ़ किसान सभा और भू-विस्थापित रोजगार एकता संघ के बैनर तले भू-विस्थापितों ने रैली निकालने के साथ धरना-प्रदर्शन किया. प्रशासन के एसईसीएल प्रबंधन के साथ 10 नवंबर को त्रिस्तरीय वार्ता का आश्वासन देने के बाद भू-विस्थापितों ने कलेक्ट्रेट का घेराव खत्म किया. Also read : CG में किसानों को CM का तोहफा: भूपेश बघेल ने दिवाली से पहले अन्नदाताओं की झोली में डाले 1866 करोड़, एक क्लिक में छाई खुशियों की मुस्कान

खदान के लिए जमीन अधिग्रहित किए जाने से प्रभावित भू-विस्थापित कोरबा के घंटाघर से कलेक्ट्रेट घेरने के लिए निकले. जिला प्रशासन ने प्रदर्शनकारियों को कोसाबाड़ी के पास बेरिकेड लगाकर रोक दिया. इस पर भू-विस्थापित सड़क पर बैठकर प्रदर्शन करते हुए कलेक्टर से मिलने की मांग पर अड़ गए. इस बीच बारिश होने के बाद भी प्रदर्शनकारी बैठे रहे.

इस पर कलेक्टर ने कोरबा एसडीएम के माध्यम से एक प्रतिनिधिमंडल को वार्ता के लिए समय दिया है. जिला प्रशासन के 10 नवंबर को एसईसीएल के साथ त्रिपक्षीय वार्ता का आश्वासन देने के बाद भू-विस्थापितों ने आंदोलन समाप्त किया.

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इस घेराव में नरईबोध, गंगानगर, मड़वाढोढा, भठोरा, भिलाई बाजार, रलिया, बरभांठा, गेवरा बस्ती, बरेली, भैसमाखार, मनगांव, रिसदी, खोडरी, सुराकछार बस्ती, जरहाजेल, दुरपा, बरपाली, बरकुटा, बिंझरा, पंडरीपानी, कोसमंदा, खम्हरिया, बरमपुर, दुल्लापुर, सोनपुरी, जटराज, पाली पड़निया, पुरैना, कुचैना, मलगांव, दादरपारा, सरईपाली, जूनाडीह, विजयनगर, बतारी, बांकी बस्ती,झाबर,जवाली,रोहिणा, चैनपुर,चुरैल एवं 40 से अधिक गांव के भू-विस्थापित शामिल हुए.

भू-विस्थापितों के आंदोलन की अगुवाई कर रहे किसान सभा के पदाधिकारियों ने घोषणा की है कि मांगों को पूरा नहीं किया गया तो 1 नवंबर को काला दिवस मनाते हुए गांव-गांव में विरोध-प्रदर्शन किया जाएगा. यही नहीं 17 नवंबर को कुसमुंडा और गेवरा खदान में महाबंद आंदोलन किया जाएगा.

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किसान सभा के जिला सचिव प्रशांत झा ने कहा कि कोयला उत्खनन के लिए हजारों किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया गया है, लेकिन इसके बाद भी सरकारों ने, जिला प्रशासन और खुद एसईसीएल ने इन विस्थापित परिवारों की कभी सुध नहीं ली, जिसकी वजह से आज भी वे रोजगार और पुनर्वास के लिए संघर्ष कर रहे हैं.

भू विस्थापित रोजगार एकता संघ के अध्यक्ष रेशम यादव, दामोदर श्याम, किसान सभा के जिलाध्यक्ष जवाहर सिंह कंवर, जय कौशिक ने सरकार और एसईसीएल की नीतियों के खिलाफ निर्णायक लड़ाई के लिए आगे भी एकजुटता के साथ आंदोलन को और तेज करने का आह्वान किया.

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