सुप्रिया पाण्डेय, रायपुर। धान खरीदी केन्द्रों में अव्यवस्था से समिति प्रबंधकों में भारी नाराजगी है. इस अव्यवस्था के खिलाफ प्रबंधकों ने एक दिवसीय धरना देने का निर्णय लिया है. प्रबंधकों का कहना है कि धान खरीदी केन्द्रों में बहुत समस्या है, ना तो बारदाने ठीक से उपलब्ध हो रही है औऱ ना ही परिवहन कराए जा रहे हैं. समिति प्रबंधकों को 10 से 15 महीने का वेतन भी नहीं मिला है.

धमधा समिति प्रबंध अध्यक्ष के इश्वरी साहू ने बताया कि हम धान खरीदी की नीति में अनुबंध और संशोधन चाह रहे हैं. केन्द्रों में परिवहन नहीं हो रहा है, जिस वजह से धान जाम होने लगे हैं. साथ ही जिन खर्चों को परिवहन व मिलर्स द्वारा वहन किए जाते थे, उन खर्चों को भी इस बार हमारी तरफ जोड़ दिया गया है. हमारी दूसरी मांग है कि हम सेवानियम में संशोधन चाहते हैं, तीसरी मांग है कई जिलों के समिति कर्मचारियों को अब तक वेतन नहीं मिला है. हम शासन से अनुदान राशि की मांग कर रहे हैं.

हमारी चौथी मांग है कि जिला सरकारी केन्द्रीय बैंकों में स्टॉफ की कमी को पूरा करे और उसमें नियुक्तियां समिति के सदस्यों की हो, हमारी पांचवीं और आखरी मांग है कि छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा एक आदेश जारी किया गया था जिसमें कहा गया था कि जो समिति पीडीएस की 3 दुकान से अधिक चला रहे हैं. उनको निजी हाथों या समूह में दिया जाए, इन मांगों को लेकर 4 से 5 हजार लोग इस धरने में शामिल होंगे, जिसमें धान खरीदी केन्द्रों के समिति प्रबंधक, समिति कर्मचारी, विक्रेता चौकीदार सभी शामिल होंगे. यदि मांगे पूरी नहीं होती है तो आगे की रणनिति तय कर बड़े पैमाने पर अनिश्चितकालिन धरना देने का विचार किया गया है.