बिलासपुर। बीसी के पैसों को लेकर हुए विवाद पर आरोपियों ने महिला के बेटे और दामाद की पिटाई के बाद किडनैपिंग को अंजाम दिया. मामले में पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए एक महिला सहित दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. वहीं मामले में अन्य फरार आरोपियों की तलाश की जा रही है.

थाने में दर्ज कराई गई रिपोर्ट के अनुसार, प्रार्थी ऋषभ श्रीवास्तव के 31 मार्च को घर पर अकेले रहने के दौरान निशा ठाकुर अपने साथी शुभेंदु सिकदर, दिनेश घोरे, धर्मेंद्र दास और अन्य के साथ पहुंचे और पैसों के लेन-देन को लेकर विवाद करते हुए मारपीट की. इस पर ऋषभ ने अपने जीजा आशुतोष कश्यप को फोन कर बुलाया. आरोपियों ने आशुतोष से भी मारपीट करते हुए दोनों को अलग-अलग गाड़ियों में बिठाकर ले गए. ऋषभ को सरकंडा के लोयला स्कूल के पास ले जाकर मारपीट करते हुए पैसा और चेक की मांग करने लगे. यही नहीं उसके मोबाइल से ही उसकी पत्नी को फोन कर 50000 रुपए की मांग करते हुए जान से मारने की धमकी देने लगे. इसके बाद प्रार्थी का वीडियो बनाकर दबावपूर्वक कोरे स्टाफ में हस्ताक्षर करवाते हुए उसका मोबाइल और गाड़ी की चाबी को लेकर मौके से फरार हो गए.

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घटना के बाद प्रार्थी ने सिविल लाइन थाना में रिपोर्ट दर्ज कराई, आरोपियों के विरुद्ध 364 (क) भादवि का अपराध पंजीबद्ध थाना की टीम ने वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर तलाश कर एक महिला सहित दो आरोपियों को पकड़ा. आरोपियों ने अपराध स्वीकार करते हुए बताया कि उनका प्रार्थी की मां से बीसी के पैसे को लेकर विवाद चल रहा है. रुपए नहीं देने के कारण प्रार्थी और उसके परिजनों से मारपीट कर पैसा वसूलने किडनैपिंग करना स्वीकार किया. इस स्वीकारोक्ति पर पुलिस ने निशा ठाकुर पिता लक्ष्मण ठाकुर (39 वर्ष) और शुभेंदु सिकदर पिता श्यामल कांत सिकंदर (35 वर्ष) को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेज दिया. वहीं मामले में दिनेश घोरे, धर्मेंद्र दास और उनके अन्य साथी फरार हैं.

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