श्योपुर. मध्यप्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद भी अन्न दाताओं की परेशानी कम नहीं हो पा रहा है. गेहूं बेचने के लिए किसानों को मशक्कत करनी पड़ रही है. अव्यवस्था के चलते लाइन इतनी लंबी लगी हुई कि किसानों की बारी एक सप्ताह के बाद आ रही है. वहीं इस झुलसाती गर्मी में खरीदी केंद्र में न तो छाया की और न ही पीने के पानी की व्यवस्था है.

ट्रैक्टर-ट्रॉलियों की 4-4 किलोमीटर दूर तक लंबी लाइनें
बता दें कि जिले में सुस्त गति से गेहूं खरीदी की वजह से सायलो केंद्र पर किसानों के ट्रैक्टर-ट्रॉलियों की 4-4 किलोमीटर दूर तक लंबी लाइनें लगी हुई हैं. खरीदी की धीमी गति से किसानों का 6-7 दिनों के बाद नंबर आ पा रहा है. इससे अन्नदाता बेहद परेशान है. यह स्थिति पिछले सप्ताह भर से बनी हुई है. फिर भी जिले के जिम्मेदार अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे है.

तौलाई में देरी से वाहन का अतिरिक्त भाड़ा देना पड़ रहा
मामला केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के संसदीय क्षेत्र श्योपुर जिले का हैं. धीमी गति से तौलाई की वजह से दिनभर में महज ढाई सौ के करीब ट्रॉली गेहूं ही खरीद पा रहे है. वहीं रोज 700-800 किसान ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में गेहूं भरकर केंद्रों पर पहुंच रहे हैं. जिसकी वजह से सायलो केंद्र नागदा से जैदा बायपास रोड़ तक करीब 4 किलोमीटर दूर तक किसानों के ट्रैक्टर-ट्रॉलियों की लंबी लाइनें लगी हुई हैं. परेशानी की बात यह है कि, किसानों को 6-7 दिनों तक लाइनों में लगे रहने की वजह से ट्रैक्टर-ट्रॉलियों का हजारों रुपये अतिरिक्त भाड़ा भी देना पड़ रहा है. किसानों को दिन की तपती गर्मी ट्रॉलियों के नीचे घुसकर काटनी पड़ रही है.

ट्रॉली के नीचे धूप में समय काटना पड़ रहा
इस बारे में किसान गुरमिंदर सिंह, हनुमान मीणा और गुर्पेज सिंह ने अपनी परेशानी बताई. उन्होंने कहा कि मंत्री कहते है किसान भाइयों को फसल बेचने में किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं आएगी. यह क्षेत्र केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का है, जहां आठ-आठ दिन इंतजार के बाद एक ट्रॉली ही तौली जा रही है. 4 किलोमीटर लंबी कतार ट्रैक्टर और ट्रॉलियों की लगी हुई है. ऐसे में छाया और पानी के भी कोई इंतजाम नहीं है. ट्रॉली के नीचे ही ऐसी धूप में समय काटना पड़ रहा है.

पैसे नहीं दिए तो मिट्टी बताकर किसानों की अनाज को फेल कर दिया जाता

कांग्रेस विधायक बाबूलाल जंडेल ने भाजपा को घेरते हुए कहा कि यहां हर कार्य कमीशन पर होता है.पैसे दे दो तो मिट्टी नहीं है, और पैसे नहीं दिए तो मिट्टी बताकर किसानों की अनाज को फेल कर दिया जाता है. पिछले साल भी एक भाजपा नेता का चना खरीदी में कमीशन खोरी को लेकर वीडियो वायरल हुआ था. इस वर्ष भी वही लोग कमीशन के नाम पर भ्रष्टाचार कर रहे है.