कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। शहर में बच्चों के पुनर्वास नीति 2022 के तहत 22 मई से 9 जून तक बाल भिक्षावृत्ति को रोकने विशेष मुहिम चलाई जा रही है। इस मुहिम में कलेक्टर के निर्देश पर अब जिला शिक्षा अधिकारी ने स्कूल शिक्षक और प्रिंसिपल की भी ड्यूटी लगाई है। जिसका विरोध शिक्षक संघ के द्वारा दर्ज कराया गया है, विरोध के पीछे हाईकोर्ट के उस डायरेक्शन का हवाला दिया जा रहा है जिसमें गैर शैक्षणिक कार्यों में शिक्षकों की ड्यूटी न लगाने का आदेश जारी हुआ था।

हालांकि सोमवार से शिक्षकों को इस मुहिम में शामिल होना था जिसके लिए वह दल के साथ रवाना हुए और बाल भिक्षावृत्ति को रोकने अलग-अलग पॉइंट पर पहुंच कार्रवाई करते हुए दिखाई दिए। बता दें कि 22 मई से शुरू हुई इस मुहिम के दौरान अब तक 4 बच्चों को भिक्षावृत्ति करते हुए पकड़ा गया जहां उनके परिजनों को बुलाकर बच्चों के पुनर्वास को लेकर कागजी कार्रवाई की गई है और अब उनके भविष्य को संवारने का काम शुरू हो चुका है।

कलेक्टर रुचिका चौहान के निर्देश पर 22 मई से यह कार्रवाई शुरू हो गयी हैं। बच्चों के पुनर्वास नीति 2022 के तहत 22 मई से 9 जून तक 20 दिन यह मुहिम चलाई जानी है। इस दौरान भीख मांगने वाले बच्चों को पकड़ने, उनके पुनर्वास की व्यवस्था के साथ ही कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ने की कार्रवाई होगी। इसके अलावा सख्त एक्शन बतौर किशोर न्याय अधिनियम के तहत 5 साल तक की सजा और 1 लाख रुपये जुर्माने के प्रावधान के तहत भी कार्रवाई की जायेगी। मुहिम में अलग अलग विभागों की संयुक्त टीम बनाई गई है। टीम में महिला एवं बाल विकास विभाग, नगर निगम, पुलिस विभाग, सामाजिक न्याय विभाग, श्रम विभाग, शिक्षा विभाग शामिल है। अब इस टीम में कलेक्टर के निर्देश पर स्कूल शिक्षा विभाग को भी शामिल किया गया है,जहां दिन के हिसाब से शिक्षकों की इस दल में 9 घण्टे की ड्यूटी लगाई गई है।

Weather Alert: नौतपे का आज तीसरा दिन, भीषण गर्मी के 40 सालों का टूटा रिकॉर्ड; लू का रेड अलर्ट जारी

लोकायुक्त कार्यालय में आग का मामला: घटना पर अधिकारी का बयान, कहा- कोई दस्तावेज नहीं जले

Lalluram.Com के व्हाट्सएप चैनल को Follow करना न भूलें.
https://whatsapp.com/channel/0029Va9ikmL6RGJ8hkYEFC2H