अरविन्द मिश्रा, बलौदाबाजार. जिले में बगैर डिग्री के लोगों का इलाज कर उनकी जान के साथ खिलवाड़ करने वाले झोलाछाप डॉक्टरों पर कार्रवाई की जा रही है, जिससे क्लीनिक संचालकों में हड़कंप मचा हुआ है.
शहरों एवं गांव-गांव में डॉक्टरी के नाम पर अवैध रूप से अस्पताल खोलकर लोगों की जान से खिलवाड़ करने की शिकायत एवं स्वास्थ्य केन्द्रों में संस्थागत प्रसव संख्या में आई कमी को देखते हुए कलेक्टर कार्तिकेया गोयल ने जिले के सभी अवैध रूप से डॉक्टरी पेशा का व्यवसाय करने वालों पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए. जिस पर प्रशासन ने एसडीएम के निेर्देशन पर जिले के सभी विकासखंडों से इसकी शुरुआत करते हुए पांच अवैध रूप से अस्पताल चलाने वालों पर कार्रवाई की.
जिला मुख्यालय के हृदय स्थल पर स्थित मां साधना क्लीनिक पर छापामारी के दौरान मिले कर्मचारी ने बताया कि डॉक्टर कवर्धा में रहता है, और मरीज के आने पर मोबाइल से डॉक्टर से दवाई पूछकर मरीजों को देता है. जब डिग्री के संबंध में उससे पूछा गया तो उसने बताया कि वह बीए फर्स्ट इयर तक पढ़ा है. एसडीएम के निेर्देश पर तहसीलदार ने तत्काल कार्रवाई कर अस्पताल को सील किया. इसी तरह भाटपारा, पलारी, सिमगा और बिलाईगढ में भी कार्रवाई की गई.
कलेक्टर कार्तिकेया गोयल ने झोलाछाप डॉक्टरों पर कार्रवाई पर कहा कि जिले में संस्थागत प्रसव में काफी कमी आई है, तथा मातृ तथा शिशु मृत्यु दर को रोकने व लोगों की जान से खिलवाड़ करने वाले अवैध रूप से संचालित चिकित्सालयों पर कार्रवाई की जा रही है, और लगातार जारी रहेगी. डॉ वायके शर्मा ने बताया कि जिलाधीश के निर्देश पर अवैध रूप से डॉक्टरी पेशा का व्यवसाय करने वालों पर कार्रवाई प्रारंभ हुई है, और जिले मे दो दिन में पांच लोगों पर कार्रवाई की गई है, और आगे भी जारी रहेगी.
तहसीलदार गौतम सिंग ने बताया कि मां साधना क्लीनिक पर छापा मारा गया है, जहां क्लिनिक संचालन से संबंधित दस्तावेज नहीं पाया गया. जब वहां बैठे वर्कर से पूछा तो उसने बताया कि मरीजों के आने पर मोबाइल से अपने डाक्टर से पूछकर दवाई देता है, जिसके बाद कार्रवाई करते हुए क्लीनिक को सील किया गया है.