पी. रंजनदास, बीजापुर. विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद बीजापुर में भाजपा-कांग्रेस में जुबानी जंग तेज हो गई है. पहले पूर्व मंत्री महेश गागड़ा ने कलेक्टर बीजापुर राजेंद्र कटारा पर पक्षपात पूर्ण चुनाव कराने का आरोप लगाया. इस पर पलटवार करते विधायक विक्रम मंडावी ने गागड़ा के बयान को बौखलाहट बताया. जुबानी जंग यही नहीं थमी, एक दिन पहले सोशल मीडिया पर कलेक्टर बीजापुर को लेकर पूर्व मंत्री गागड़ा ने पुनः निशाना साधा, जबाव में विधायक विक्रम ने भी सोशल मीडिया पर पलटवार किया.
महेश-विक्रम में छिड़ी जुबानी जंग के बीच आज कांग्रेसी नेता पालिका उपाध्यक्ष पुरषोत्तम सल्लूर के एक बयान ने नई बहस को जन्म दे दिया है. सल्लूर ने अपने फेसबुक लाइव के दौरान यह कह दिया कि अजय का जिलाबदर विधायक विक्रम के ईशारे पर हुआ था. सोशल मीडिया पर उनके इस बयान के बाद सियासी गलियारों में नई बहस छिड़ गई है. फेसबुक लाइव के दौरान सल्लूर ने कांग्रेस से निष्कासित युवा आयोग के पूर्व सदस्य अजय सिंह पर कई गंभीर आरोप लगाए. अजय को आदतन अपराधी बताते सल्लूर ने उनके विरूद्ध आपराधिक रिकॉर्ड की जानकारी को सार्वजनिक करते हुए कहा कि अजय सिंह का मुख्य काम लोगों को डराना, धमकाना, ब्लेकमैल करना है.
सल्लूर ने कहा, अजय पर 21 से अधिक अपराध दर्ज है. इनमें हत्या का प्रयास, हथियारों से लैस होकर डराना, धमकाना, मारपीट करना पेशा रहा है. यहां तक कि शासकीय कर्मियों को डराना-धमकाना, सरकारी वाहन में आगजनी जैसे गंभीर मामले में अजय संलिप्त रहे हैं. अजय के कृत्यों के मद्देनजर बीजापुर में शांति व्यवस्था को बनाए रखने के लिए क्षेत्रीय विधायक विक्रम मंडावी ने अजय को जिला बदर करवाया.
3 मिनट 15 सेकंड के इस लाइव बयान में पालिका उपाध्यक्ष पुरुषोत्तम सल्लूर ने अजय सिंह पर जिले में पदस्थ कर्मचारियों, अधिकारियों और ठेकेदारों से अवैध वसूली का भी आरोप लगाया है. इतना ही नहीं सल्लूर अपने बयान में ये भी कहा कि जब कोई अफसर या ठेकेदार अजय सिंह की बात नहीं मानते हैं तो अजय उन अधिकारी वा ठेकेदारों की कमजोरी तलाश कर उन्हें ब्लैकमेल करते हैं. अब सल्लूर के इस बयान के बाद अजय सिंह ने कहा कि आखिरकार सच सामने आ ही गया. वे पिछले दो सालों से कहते आए हैं कि विधायक विक्रम और कलेक्टर राजेंद्र कटारा के मधुर संबंध रहे हैं. विधायक के ईशारे पर कलेक्टर कटारा बीजापुर जिले में बेखौफ भ्रष्टाचार को बढ़ावा देते रहे, जिसका वे लगातार विरोध कर रहे थे.
जय सिंह चुनाव आचार संहिता से पहले विधायक-कलेक्टर की अच्छी टयूनिंग के मददेनजर चुनाव में पक्षपात की आशंका जाहिर कर चुके थे. उनका यह विरोध जिलाबदर की वजह बनी. अजय अभी भी अपने आरोपों पर अडिग रहते हुए कहते हैं कि मुझ पर कार्रवाई एकतरफा हुई वो भी विधायक विक्रम के ईशारे पर.
कांग्रेस से निष्कासित युवा आयोग के पूर्व सदस्य अजय सिंह ने बताया कि 7 अक्टूबर 2023 को पूरे प्रदेश में चुनाव आदर्श आचार संहिता प्रभावी रूप से लागू हो गया था. 25 अक्टूबर 2023 को कलेक्टर राजेंद्र कटारा ने उन पर जिलाबदर की कार्रवाई की. जिला बदर की कार्रवाई के बाद से ही अजय सिंह कलेक्टर पर विधायक विक्रम के इशारे पर जिलाबदर करने का आरोप लगाते रहे हैं. पालिका उपाध्यक्ष के बयान के बाद अजय ने कहा, मेरे आरोप आखिरकार सच साबित हुए. पालिका उपाध्यक्ष सल्लूर के बयान ने विधायक के ईशारे पर मुझ पर जिला बदर की कार्रवाई के आरोपों पर मुहर लगा दी है.
अफसर ठेकेदारों को ब्लैकमेल करने के आरोपों पर अजय सिंह कहते हैं कि जिले में चल रहे विकास और निर्माण कार्यों में विधायक विक्रम और कलेक्टर के संरक्षण, दबाव और प्रभाव में अधिकारियों और ठेकेदारों ने खुलकर भ्रष्टाचार किया है. कमजोरी पकड़कर मैंने कभी किसी भी अधिकारी और ठेकेदार को ब्लैकमेल नहीं किया, बल्कि अधिकारी, ठेकेदार, विधायक और कलेक्टर को जनता के सामने तर्क, तथ्य और दस्तावेजी प्रमाणों के साथ मीडिया और सोशल मीडिया के माध्यम से बेनकाब किया है.
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