पंकज भदौरिया. दंतेवाड़ा. घर भेदी किस तरह लंका ढहा देता है. इसे देखना हो तो दन्तेवाड़ा के कसौली सीएएफ कैम्प पदस्थ आरक्षक राजू खुजुर को देखिये. ये वैसे तो जवान की वर्दी पहने हुए मगर नक्सल विचारों का बारूद इसके जहन में इस कदर भरा हुआ है कि ये अपने ही साथी जवानों की हत्या का मास्टर प्लान नक्सलियो के साथ मिलकर तैयार कर रहा था. दंतेवाड़ा एसपी अभिषेक पल्लव ने खुलासा किया कि हथियारों की लूट आरक्षक राजू ने नक्सलियों को बेचने की नीयत से की थी. जो लम्बे वक्त से इसी काम को अंजाम दे रहा था. साथ ही यह भी चौंकाने वाली खबर है कि 10 से 12 और जवानों की संलिप्तता बताई जा रही है.

राजू ने छुट्टी में रहते हुए इस वारदात को कसौली कैम्प में 7 अक्टूबर की रात कनसीन टीन के तार घेरे को पारकर चोरी को अंजाम दिया. और आसानी से बिना भनक लगे 2 SLR हथियार सहित 4 मैगजीन और 70 राउंड चोरी कर ले गया. चोरी किये हथियार को आरक्षक ने अपने भैरमगढ़ के पास गांव में रहने वाले दोस्त मिट्ठे नेताम के पास रख दिया था. जहां दोनों ने मिलकर हथियार को एक बोरे में भरकर जंगल के अंदर सुरक्षित छिपा रखा था. जिसे जवानों ने बाद में बरामद कर लिया.

 सीएएफ कैम्प कसौली में तैनात पोस्ट पर सवालिया निशान

सवाल यह उठ रहा है कि कैम्प के हर पोस्ट में जब रात को पहरेदारी के लिए संतरी तैनात रहते हैं तो आखिर इतनी आसानी से आरोपी आरक्षक अंदर कैसे दाखिल हो गया. जिस तरह से नक्सली साठगांठ की बात उजागर हुई है तो आप अंदाजा लगा सकते हैं कि अगर आरोपी आरक्षक राजू अपने नक्सली साथियों के साथ अंदर दाखिल होता तो बहुत बड़ी अनहोनी हो सकता था.

देखिये एक्सक्यूजिव वीडियो-

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