दुर्ग. जिले के पाटन तहसील के ग्राम पतोरा के पोस्ट मास्टर के विरुद्ध जिला उपभोक्ता फोरम ने 57901 रुपये का हर्जाना लगाया है. चारों मामलों में परिवादियों गैंदलाल देवांगन, कृष्ण कुमार कपूर, चंद्रिका साहू एवं ललिता बाई यादव ने एक समान शिकायत की थी, जिसके अनुसार उन्होंने अपनी कमाई का पैसा बचाकर डाकघर पतोरा में आर.डी. एवं बचत खाता में जमा किया था, लेकिन जब परिपक्वता पर जानकारी प्राप्त की गई तो पता चला कि खातों में कम राशि जमा की गई है, जबकि अधिक राशि जमा की गई थी.

मुख्य डाकघर में संपर्क कर मूल पासबुक को जमा करवा कर दूसरी पासबुक जारी की गई, उसमें दिसंबर 2015 तक की जमा राशि का उल्लेख कर प्रदान किया गया. इस प्रकार सभी परिवादियों की पासबुक में निर्धारित राशि से कम राशि जमा दिखाई गई थी.

अनावेदक डाकघर की दलील

अनावेदक डाकघर ने बचाव लेते हुए कहा कि डाकघर पतोरा के डाकपाल सुरेंद्र प्रसाद ठाकुर द्वारा डाकघर के अनेक खाते में गड़बड़ियां कर खाताधारकों की रकम को स्वयं के उपयोग में खर्च कर लिया गया था, जिसकी विभागीय जांच करने पर जिन खातों में गड़बड़ियां पाई गई थी उन खातों में राशि जमा कर प्रभावित व्यक्तियों को डुप्लीकेट पासबुक दिया गया था. गबन जांच प्रक्रिया में परिवादी को कथन एवं पक्ष प्रस्तुत करने नोटिस दी गई थी, लेकिन परिवादी ने इसके लिए सहयोग नहीं किया इसीलिए परिवादी को राशि का भुगतान नहीं किया जा सका.

फोरम का फैसला

जिला उपभोक्ता फोरम ने प्रकरण प्रस्तुत दस्तावेजों एवं तथ्यों पर विचार करने पर यह पाया कि शिकायतकर्ता ने ही यह कहा है कि डाकघर में संचालित खातों में गड़बड़ी हुई थी, परिवादी ने जमा रकम की रसीदों को भी प्रकरण में लगाया है, जिसमें डाकघर की सील अंकित है जिससे यह प्रमाणित होता है कि परिवादी द्वारा डाकघर में राशि जमा की गई थी यदि डाकघर के किसी कर्मचारी ने कोई गड़बड़ी की है तो संबंधित संस्था उक्त गड़बड़ी से हुई क्षति का भुगतान करने के लिए जिम्मेदार है और अनावेदक डाकघर यह नहीं कह सकता कि किसी कर्मचारी ने गड़बड़ी के लिए वह जिम्मेदार नहीं है क्योंकि कोई भी नियोक्ता अपने कर्मचारियों के कार्य के लिए जिम्मेदार होता है.

पोस्टमास्टर डाकघर पतोरा को सेवा में निम्नता के लिए जिम्मेदार मानते हुए जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष लवकेश प्रताप सिंह बघेल, सदस्य राजेन्द्र पाध्ये एवं लता चंद्राकर ने 57901 रुपये हर्जाना लगाया और आदेशित राशि परिवादियों को मय ब्याज 30 दिनों में अदा करने का आदेश दिया.

दो मामलों में परिवादी चंद्रिका साहू एवं ललिता बाई यादव को प्रकरण के लंबन के दौरान ही अनावेदक डाकघर ने राशि का भुगतान कर दिया था इसीलिए उक्त दोनों मामलों में केवल मानसिक क्षति एवं वाद व्यय अदा करने का आदेश दिया गया.

हर्जाना राशि
1. गेंदलाल देवांगन- 26601 रुपये ( मूल राशि 20601, मानसिक क्षतिपूर्ति 5000 एवं वाद व्यय 1000)
2. कृष्ण कुमार कपूर- 21300 रुपये ( मूल राशि 15300, मानसिक क्षतिपूर्ति 5000 एवं वाद व्यय 1000)
3. चंद्रिका साहू- 6000 रुपये (मानसिक क्षतिपूर्ति 5000 एवं वाद व्यय 1000)
4. ललिता बाई यादव- 4000 रुपये (मानसिक क्षतिपूर्ति 3000 एवं वाद व्यय 1000)