दरअसल प्रीतपाल बेलचंदन में पर 2013 में यह आरोप लगा था कि संचालक मंडल का कार्यकाल खत्म हो जाने के बाद वे अवैधानिक तरीके से कार्यकाल पर बने है. उन्होंने अवैधानिक तरीके बैठके की और निर्णय लिए. उन पर यह भी आरोप लगा कि उन्होंने अवैधानिक तरीके से उन्होंने जिला दुर्ग और बालोद के जिला चिकित्सालयों को लाखों रुपये स्वास्थ्य संबंधी उपकरण प्रदान करना बताया हैं. लेकिन बहिर्गामी संचालक मंडल को यह अधिकार नहीं था.