वीरेंद्र गहवई, बिलासपुर. हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. एक मामले में सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कहा है कि, लड़की अपनी मन से अपने माता-पिता को छोड़कर किसी के साथ जाती है, तो अपहरण का कोई अपराध नहीं बनता है. कोर्ट ने पॉक्सो एक्ट में जेल में बंद आरोपी की सजा निरस्त कर दी है और उसे रिहा करने का आदेश दिया है.
मामले में मिली जानकारी के मुताबिक, 17 साल की एक किशोरी 11 मई 2017 को रात के वक्त घर से लापता हो गई थी. उसके पिता ने 12 मई 2017 को गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. जिसके बाद पुलिस ने 6 मई 2018 को किशोरी को आरोपी अनिल रात्रे के पास से बरामद किया था. इस दौरान दोनों ने शादी कर ली थी और उनका 3 महीने का बच्चा भी था. युवती ने बयान दिया था, कि उसका युवक से प्रेम प्रसंग चल रहा था, इसलिए वह उसके साथ चली गई थी.
हालांकि मामले में बलौदाबाजार जिले के कसडोल निवासी अनिल रात्रे को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश बलौदाबाजार द्वारा पॉस्को एक्ट के तहत इस मामले में अपहरण की धाराओं में सजा सुनाई गई थी. जिसके बाद अब मामले में हाईकोर्ट ने जेल में बंद युवक को रिहा करने का आदेश दिया है.
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