सत्यपाल सिंह,रायपुर। जिला निर्वाचन आयोग ने निकाय चुनाव में कर्मचारियों से 48 घंटे ड्यूटी तो करवा लिया, लेकिन जब भुगतान करने की बारी आई, तो निर्धारित राशि से आधा से भी कम राशि दिया जा रहा है. अधिकारियों की इस मनमानी के चलते निर्वाचन कार्य में लगे कर्मचारी मायूस नजर आ रहे हैं. कर्मचारियों ने भुगतान में कमीशनखोरी का आरोप लगाया है. कम भुगतान होने से सैकड़ों कर्मचारी अधिकारी आक्रोशित है. जिला निर्वाचन आयोग के अधिकारी ने राज्य निर्वाचन आयोग पर ठीकरा फोड़कर भागते नजर आए.

नाम और पद गोपनीय रखने के शर्त पर आक्रोशित कर्मचारियों ने बताया कि 48 घंटे ड्यूटी करने के बाद जो राशि हमें मिलनी चाहिए थी. उसमें भी कमीशनखोरी की जा रही है. सेक्टर अधिकारी को 1500 मिलना था, लेकिन अब 500 रुपये दिया जा रहा है. पीठासीन अधिकारी 1150 रुपए की जगह 400 रुपये, मतदान अधिकारी वर्ग वन टू थ्री 850 रुपए की जगह 300 रुपए, गणना पर्यवेक्षक और सहायक पर्यवेक्षकों 200 रुपए भुगतान किया जा रहा है. इस तरह की मनमानी रायपुर जिले में चुनावी ड्यूटी में लगे कर्मचारियों के साथ हो रहा है.

इस संबंध में जब हमने संयुक्त कलेक्टर राजीव पाण्डेय से बात करनी चाही, तो उन्होंने बात करने से सीधा इंकार कर दिया. उन्होंने कहा कि जो पूछना है आप कलेक्टर से पूछिए. मैं कुछ नहीं बता सकता. बता दें कि निर्वाचन कार्य में लगे भुगतान का ज़िम्मेदारी संयुक्त कलेक्टर राजीव पांडे के पास ही है. फिर भी इस तरह का जवाब दे रहे हैं.

कलेक्टर एस भारती दासन से बात की तो उन्होंने कहा कि राज्य निर्वाचन आयोग से भुगतान नहीं होने के कारण कर्मचारियों को कम भुगतान किया जा रहा है. कर्मचारियों के बचा हुआ भुगतान कब किया जाएगा इस सवाल पर कलेक्टर मौन रहे.

अब कलेक्टर और सयुंक्त कलेक्टर के जबाव मिलने के बाद राज्य निर्वाचन आयोग पहुँचे, तो वहाँ से जानकारी मिली कि सभी ज़िलों का भुगतान हो चुका है. अब सवाल उठता है कि राज्य निर्वाचन आयोग से भुगतान हो चुका है, तो पैसा आख़िर गया कहां ? कर्मचारियों को आधा भुगतान क्यों किया जा रहा है ? अब इसका जिम्मेदार कौन है ?