पुरुषोत्तम पात्र, गरियाबंद. CMHO दफ्तर में हो रहे कांड के रोजाना खुलासे हो रहे हैं. इसी बीच स्वास्थ्य विभाग का एक और नया मामला सामने आया है। जिला अस्पताल में पदस्थ 63 अधिकारियों-कर्मचारियों ने हस्ताक्षर कर कलेक्टर के नाम एक शिकायत और मांग पत्र सौंपा है, जिसमें कहा गया है कि सीएमएचओ की छोटी बहन सृष्टि यदु वहां एनएचएम में तम्बाकू नियंत्रक सलाहकार पद पर पदस्थ हैं. यह ग्रेड 3 की श्रेणी में आता है। इनकी जवाबदारी राष्ट्रीय कार्यक्रम के लिए है पर वे अनाधिकृत रूप से जिला अस्पताल में अपना रौब दिखा रही.
पत्र में लिखा गया है कि सृष्टि यदु स्टाफ से मरीजों के परिजन के सामने दुर्व्यवहार करती है. नियमित काम से हट कर अन्य काम करने, नौकरी से हटाने और वेतन रोकने की धमकी दी जाती है। इस रवैए को लेकर आक्रोशित स्टाफ अब लामबद्ध हो गए हैं। जिला अस्पताल में हस्ताक्षर अभियान चलाकर 48 घंटे के भीतर सृष्टि यदु को हटाने की मांग रख दी है। ऐसा नहीं होने पर कलम बंद कर सभी शासकीय कार्यों का बहिष्कार करने की चेतावनी दी है। शिकायत की पुष्टि जिला अस्पताल में पदस्थ चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉक्टर राजेश बीनकर सहित कई स्टाफ ने की है। इस मामले में प्रभारी सिविल सर्जन टीसी पात्रे ने अनभिज्ञता जाहिर करते हुए कहा है कि ज्ञापन की जानकारी नहीं है। स्टाफ में नाराजगी होगी तो उनका पक्ष सुनकर उचित रास्ता निकाला जाएगा।

सीनियरों को दरकिनार किया, जूनियरों को तव्वजो
स्टाफ के अलावा लामबंद होने वाले में डॉक्टरों के नाम भी शामिल हैं। सृष्टि यदु सीएमएचओ गार्गी यदु की बहन है। दोनों की पोस्टिंग जिले में एक साथ हुई है। सूत्र बताते हैं कि मेडम की पोस्टिंग के बाद वे अपने हिसाब से मातहतों की कुर्सी बदलते रहे।डीएचओ जैसे महत्वपूर्ण पद पर एक जूनियर डॉक्टर की नियुक्ति कर दी। राष्ट्रीय कार्यक्रमों के नोडल अफसरों को भी मन माफिक बदला गया। जिला अस्पताल का डीडीओ पावर पिछले 5 माह से खुद रखी हुई है। जिला अस्पताल के सलाहकार पद पर जूनियर डॉक्टर बिठा दिया गया है। जिला अस्पताल के डॉक्टरों की दूसरे जगह पोस्टिंग देकर अपने चहते जूनियरों को एसी केबिन, एसी गाड़ी उपलब्ध कराना भी आक्रोश का एक वजह बना है।

सुशासन तिहार में डॉक्टर ने सीएमएचओ के खिलाफ लिखा था पत्र
स्वास्थ्य विभाग में सब कुछ ठीक ठाक नहीं चल रहा है। नेतृत्व करने वाले और बड़े डॉक्टरों के बीच अन्तर्द्वंद तब खुल कर सामने आ गया जब जिला अस्पताल में पदस्थ डॉक्टर राजेंद्र बीनकर ने सुराज अभियान में खुलकर अपने ही अधिकारी पर आरोप लगाया था। आरोप में कहा गया था कि दो अनुपस्थित डॉक्टरों का महीनों से वेतन आहरण कराया जा रहा है। हालांकि इसकी जांच कर मामले में आरोप को निराधार बताया गया। मसला यही खत्म नहीं हुआ। अब शिकायत करने वाले डॉक्टर को डर सता रहा है कि महिला अफसर होने के नाते वो किसी मामले में न फंसा दे।
जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी : अपर कलेक्टर
इस मामले में अरविंद पांडेय, अपर कलेक्टर गरियाबंद ने कहा, जिला अस्पताल से शिकायत प्राप्त हुई है। जांच के लिए कमेटी बनाई जा रही है। रिपोर्ट के आधार पर उचित कार्रवाई की जाएगी।
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