कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। ग्वालियर अंचल की भाजपा में सब आल इज वेल नहीं चल रहा है? ऐसा हम इसलिए कह रहे है, क्योंकि ग्वालियर के जिला पंचायत चुनाव में कुछ ऐसे ही हालात बने, जहां भाजपा समर्थित 10 जिला पंचायत सदस्य की संख्या बल के बीच सिर्फ 6 सदस्य ही मौजूद रहे। बाकी ने निर्वाचन प्रक्रिया से दूरी बना ली। ऐसे में 6 सदस्यों के बीच ही निर्विरोध अध्यक्ष पद पर भाजपा समर्थित की जीत हुई। इस निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान भाजपा समर्थित एक-दो नहीं बल्कि 4 सदस्य नदारद रहने पर राजनीति गरमा गई है।

दरअसल जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए भाजपा के दो खेमे आमने-सामने आ गए थे। एक ओर गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा और राज्य मंत्री भारत सिंह कुशवाह रहे तो दूसरी ओर पूर्व मंत्री और कैबिनेट मंत्री दर्जा प्राप्त इमरती देवी सुमन रही। यही कारण रहा कि जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए नेता अपने अपने प्रत्याशियों को अध्यक्ष बनाने पर अड़े थे। पूर्व मंत्री और लघु उद्योग निगम की अध्यक्ष इमरती देवी ने नेहा परिहार का नाम सामने रखा था वहीं उद्यानिकी मंत्री भारत सिंह कुशवाहा ने दुर्गेश कुंवर सिंह का नाम आगे बढ़ाया था, लेकिन प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा की हरी झंडी मिलने के बाद इमरती देवी की प्रत्याशी को पीछे हटना पड़ा और दुर्गेश कुंवर जाटव को जिला पंचायत अध्यक्ष के पद पर निर्विरोध जीत मिली।

खास बात यह रही कि इस निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान 13 सदस्यों में से केवल 6 ही पहुंचे और 7 जिला पंचायत सदस्य जिनमें 4 भाजपा 03 कांग्रेस के गायब रहे। इमरती समर्थित नेहा परिहार मौजूद रही। चुनाव से पहले शहर के एक प्रसिद्ध न्याय के मन्दिर गिरगांव महादेव पर सभी सदस्यों ने नेहा परिहार को जिताने की कसम खाई,लेकिन अंतिम दौर में वह कसम काम नहीं आई। यही कारण रहा कि भाजपा के 4 सदस्य निर्वाचन प्रक्रिया से दूर ही रहे। इस मामले को लेकर जब नेहा परिहार से सवाल किया गया तो उनका कहना है कि जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए सबसे पहले उनका नाम ही तय किया गया था। मंदिर पर उन्हें समर्थन देने की कसम भी खाई गई थी, लेकिन अचानक से दुर्गेश कुंवर जाटव का नाम फाइनल किया गया।

इस दौरान शायद इमरती अकेली पड़ गई, और जिन्होंने कसम खाई थी उन्होंने उसे तोड़ दिया। हालांकि दुर्गेश जाटव भी भाजपा समर्थित है ऐसे में वह उनका साथ देंगी, लेकिन नेहा परिहार ने यह बात भी स्पष्ट की है कि जब तक दो हाथ नहीं मिलते हैं तब तक सब कुछ ठीक नहीं होता है। यही कारण है कि पुराने गिले-शिकवे को भूलते हुए दोनों को ही कदम आगे बढ़ाने होंगे। वही इस मामले में मंत्री भारत सिंह कुशवाह का कहना है कि भाजपा के अंदर कोई गुटबाजी नहीं है जो पंचायत सदस्य नदारद रहे वह सभी भाजपा के ही समर्थन में रहे है।

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