बॉलीवुड एक्ट्रेस दिव्या दत्ता (Divya Dutta) ने आज 15 अगस्त यानी स्वतंत्रता दिवस के मौके पर मीडिया से बातचीत में आजादी से जुड़ी उन फिल्मों का जिक्र किया, जिनमें उन्होंने यादगार किरदार निभाया है. एक्ट्रेस आजादी से जुड़ी कुछ खास कहानियों और फिल्मों का हिस्सा भी रही हैं. इसके साथ ही एक्ट्रेस ने आजादी के असल मायनों पर भी बात किया है.

मैंने भारत की आजादी से जुड़ी बहुत सारी फिल्में की हैं- दिव्या दत्ता

बता दें कि दिव्या दत्ता (Divya Dutta) ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा- ‘मैंने बहुत सारी ऐसी फिल्मों की हैं जो भारत की आजादी से जुड़ी हुई हैं, जिनमें कहीं न कहीं आजादी का जज्बा और उसके भाव अच्छे से उभरकर सामने आते हैं. खासतौर पर मैं दो फिल्मों का जिक्र करना चाहूंगी, पहली ‘भगत सिंह’ जिसमें मैंने दुर्गा भाभी का रोल निभाया था. दूसरी फिल्म ‘सुभाष चंद्र बोस: द फॉरगॉटन हीरो’ थी, इसमें श्याम बेनेगल जी ने सुभाष चंद्र बोस की कहानी दिखाई थी और मैंने उनकी भांजी इलापोस का किरदार निभाया था. इन फिल्मों में काम करके मुझे एक अलग ही ऊर्जा और जुनून महसूस हुआ, क्योंकि ये फिल्में हमें याद दिलाती हैं कि किस तरह हमारे लाेगों ने एकजुट होकर अपने देश की आजादी के लिए संघर्ष किया था.

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आजादी का व्यक्तिगत मतलब पर बात करते हुए एक्ट्रेस ने कहा- ‘मेरे लिए आजादी का सबसे बड़ा अर्थ है अपनी संस्कृति, अपनी परंपराओं और अपनी भारतीयता का अपने अंदाज में जश्न मनाना. यह खुशी की बात है कि हम अपनी पसंद और फैसले खुद ले सकते हैं. भारत में रहना और एक लोकतंत्र का हिस्सा होना, जहां बाय दी पीपल, फॉर दी पीपल, ऑफ दी पीपल की भावना है, यह बहुत बड़ी बात है. संविधान से हमारा देश चलता है, यह बात ही हमें फ्री कंट्री होने का अहसास दिलाती है.’ 

मेरे लिए एक बड़ा तोहफा हैं भारत की अलग-अलग संस्कृतियां

भारत की अलग-अलग संस्कृतियों ने दिव्या दत्ता (Divya Dutta) के एक्टिंग को नया अंदाज दिया है. वे कहती हैं, ‘भारत की अलग-अलग संस्कृति मेरे लिए एक बड़ा तोहफा है. हर राज्य की अलग भाषा, पहनावा, खाने-पीने की चीजें और संस्कृति मुझे अपने रोल में नया रंग और गहराई देने में मदद करती हैं. मैं हमेशा कोशिश करती हूं कि पंजाब के लोगों और बंगाल के लोगों के बीच के फर्क को समझूं, क्योंकि यही समझ मेरी एक्टिंग को और बेहतर बनाती है. हमारे यहां की संस्कृति, बड़ों की इज्जत, मजबूत फैमिली सिस्टम ये सब बातें हमें एक-दूसरे से जोड़ती हैं. यही बातें भारतीयता की एक अलग पहचान बनाती हैं. चाहे भक्ति हो या शक्ति, हर जगह भारत की खुशबू बसी है.यही चीज हमें गर्व महसूस कराती है कि हम भारतीय हैं. हमारे संस्कार और परिवार की मजबूती हमें विश्व में अलग पहचान देती है.’ 

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एक जिम्मेदार नागरिक होने की बात करते हुए दिव्या दत्ता (Divya Dutta) कहती हैं, ‘एक जिम्मेदार नागरिक का मतलब है कि हम सिर्फ अपने लिए नहीं, बल्कि अपने आस-पास के समाज की भी जिम्मेदारी लें. अपनी गली, मोहल्ले और शहर की सफाई के लिए खुद कदम उठाएं, किसी और पर निर्भर न रहें. इसके साथ ही, हमें अपने सांस्कृतिक मूल्यों को निभाते रहना चाहिए. नियमों का पालन हमें डर या मजबूरी से नहीं, अपनी समझ से करना चाहिए. यही सच्ची आजादी और जिम्मेदारी है. मैं सिर्फ इतना कहना चाहूंगी हमें भारतीय होने पर गर्व होना चाहिए. हम भारतीय हैं, हम एक स्वतंत्र देश के नागरिक हैं, एक खूबसूरत देश के नागरिक हैं. आजादी बस एक सेलेब्रेशन नहीं बल्कि एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी भी है. इसे अच्छे से निभाना चाहिए.’