Diwali 2023: दीवाली की तैयारियां जोरो-शोरों से शुरू हो चुकी हैं. बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक अपने घर को सजाने-धजाने में जुटे हुए हैं. दीवाली सेलिब्रेशन के दौरान बच्चो के ऊपर थोड़ा अधिक ध्यान देने की जरूरत होती है, ताकि वे सुरक्षित रूप से दिवाली मना सकें. दिवाली का मतलब है अलग-अलग तरह की मिठाइयां, दीये, पटाखे हैं, जिनका उपयोग बच्चे काफी ज्यादा करना पसंद करते हैं. लेकिन कई बार हमारी अनदेखी की वजह से दीवाली के त्यौहार का रंग फीका हो जाता है. ऐसे में अगर आप चाहते हैं कि आपकी दीवाली खुशनुमा हो, तो बच्चों के साथ सुरक्षित तरीके से दीवाली सेलेब्रेट करें. आइए जानते हैं बच्चों के साथ कैसे मनाएं सुरक्षित दीवाली?

पटाखे जलाते समय बरतें सावधानी

इन दिनों मार्केट में मौजूद पराखों से वातावरण काफी ज्यादा दूषित हो रहा है, ऐसे में पराखे जलाना सुरक्षित नहीं होता है. हालांकि, अगर आप बच्चों की जिद पर उनके साथ थोड़ा पराखे जला रहे हैं, तो उनके साथ रहें. उन्हें पटाखे अकेले में न जलाने दें. क्योंकि कभी-कभी साधारण सी दिखने वाली फुलझड़ी भी भयावह रूप ले सकती है. इसलिए आतिशबाजी के समय अपने बच्चों के साथ जरूर रहें और बम, रॉकेट जैसे पटाखों से उन्हें दूर रखें.

बच्चों को पहनाएं सही फैब्रिक के कपड़े

बहुत से माता-पिता अपने बच्चों को दीवाली पर पहनाने के लिए फैंसी कपड़े लाते हैं. फैंसी कपड़े देखने में भले ही खूबसूरत हों, लेकिन कई बार हम फैंसी खरीदने ने के चक्कर में कपड़े के फैब्रिक पर ध्यान नहीं देते हैं. अगर आप भी ऐसा कर रहे हैं, तो यह बच्चों के लिए सही नहीं. इसलिए जब भी दीवाली के लिए बच्चों को कपड़े पहनाएं तो उनके त्वचा के अनुकूल ही कपड़े हों. ऐसे कपड़े बिल्कुल भी न पहनाएं जिसमें जल्दी आग पकड़े हों. उदाहरण के लिए रेशमी और पॉलिस्टर के कपड़ों से दूरी बनाएं. कोशिश करें कि बच्चों को ढीले और सूती के कपड़े पहनाएं, इससे वे बेफिक्र होकर दीवाली खेल सकते हैं.

धुएं और शोर से रखें दूर

अगर आपका बच्चा काफी ज्यादा छोटा है, तो कोशिश करें कि उन्हें धुएं और शोर वाले स्थान से दूर रखें. दरअसल, कई लोग दिवाली पर ढेर सारे पटाखे जलाना पसंद करते हैं, इन पटाखों को जलाने से तेज आवाज और धुआं निकलता है जो बच्चों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है. बच्चों के कान वयस्कों की तुलना में अधिक संवेदनशील होते हैं और वे बहुत लंबे समय तक उन तेज़ आवाज़ों को सहन करने में सक्षम नहीं होते हैं. ऐसे में उनके कानों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है. इसलिए कोशिश करें कि बच्चों को शोर वाले स्थान से दूर रखें.

बच्चों के आसपास ही रहें

जब पटाखे जलाने का समय आता है तो कई बच्चे अत्यधिक उत्साहित हो जाते हैं. इस दौरान वे चाहते हैं कि उनके माता-पिता उनके आसपास न रहें और वे बच्चे बड़ों को दूर जाने के लिए कहते हैं. अगर आपके बच्चे भी आपको दूर जाने की जिद करे, तो उनकी बातों को न मानें. कोशिश करें कि जब आपका बच्चा पटाखे जला रहा है, तो उनके आसपास रहें. इससे दीवाली के दौरान होने वाली दुर्घटनाओं को रोका जा सकता है. बच्चों द्वारा आतिशबाजी के गलत एक्टिविटी पर नजर रखें. बच्चों को ऐसे पटाखे न जलाने दें, जिससे ज्यादा रिस्क हो.

बच्चों के खाने पर भी रखें निगरानी

दीवाली एक ऐसा त्यौहार है, जिसमें न सिर्फ आतिशबाजी होती है, बल्कि कई तरह के पकवान भी बनाए जाते हैं. ऐसे में बच्चों के खानपान पर भी आपको ध्याने देने की जरूरत है. खासतौर पर जब आपका बच्चा बाहर से आए, तो इस बात पर ध्यान दें कि खाने से पहले वो हाथ धो रहा है या नहीं. इस दौरान बच्चे को ज्यादा खाने न दें. इससे पेट संबंधी समस्याएं और अपच की समस्या हो सकती है.

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