Diwali 2025 : दीवाली पर मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा विशेष महत्व रखती है. इस दिन मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए विशेष भोग चढ़ाए जाते हैं जो श्रद्धा और परंपरा दोनों का प्रतिनिधित्व करते हैं. इन भोगों में कुछ खास चीजें ऐसी होती हैं जो वर्षों से चली आ रही परंपराओं का हिस्सा हैं और जिनका संबंध समानता, शुद्धता और समृद्धि से होता है.आज हम आपकी दीवाली की पूजा में मां लक्ष्मी को चढ़ाए जाने वाले प्रमुख भोग के बारे में विस्तार से बताएंगे.
धान और चावल (अक्षत)
अर्थ-अक्षत यानी बिना टूटे चावल मां लक्ष्मी को अर्पित किए जाते हैं.
कारण-चावल समृद्धि और शुद्धता का प्रतीक माने जाते हैं. धान नए अन्न का प्रतीक होता है, जिससे कृषि और धन की वृद्धि मानी जाती है.
बताशे और मिश्री
अर्थ-चीनी से बनी छोटी-छोटी गोल मिठाइयाँ, जो प्रसाद में दी जाती हैं.
कारण-ये सस्ती और सरल मिठाइयाँ होती हैं जिन्हें गरीब और अमीर सभी अर्पित कर सकते हैं. ये समानता का प्रतीक हैं.
मूंगफली, गुड़ और तिल
अर्थ-स्थानीय और सस्ते उपलब्ध होने वाले ये भोग सर्दी के मौसम में भी उपयोगी होते हैं.
कारण-तिल और गुड़ से बनी चीजें शुद्धता, ऊर्जा और सौभाग्य का प्रतीक हैं.
फल – खासकर अनार, नारियल, और सीजनल फल
अर्थ-फल प्रकृति की देन हैं और समृद्धि का प्रतीक हैं.
कारण-अनार लक्ष्मी के सौंदर्य और समृद्धि को दर्शाता है, जबकि नारियल शुद्धता का प्रतीक होता है.
खीर या हलवा
अर्थ-घर पर बनी मिठाई जो श्रद्धा से तैयार की जाती है.
कारण-खीर शुद्ध दूध और चावल से बनती है, जो मां लक्ष्मी को प्रिय मानी जाती है.
सूखा मेवा (मेवा-मिष्ठान)
अर्थ-बादाम, काजू, किशमिश आदि.
कारण-यह वैभव और ऐश्वर्य का प्रतीक माना जाता है.
कमल का फूल और पत्ते
अर्थ-मां लक्ष्मी का प्रिय फूल कमल है.
कारण-यह पवित्रता, सौंदर्य और वैराग्य के बीच संतुलन का प्रतीक है. साथ ही, लक्ष्मी जी का वाहन और आसन दोनों कमल हैं.
विशेष संकेत
मां लक्ष्मी को साफ-सुथरे स्थान, तेल का दीपक, और शंख की ध्वनि प्रिय होती है.पूजा में चढ़ाई जाने वाली चीजें शुद्धता और सरलता से भरी होनी चाहिए.
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