रायपुर. दीपोत्सव की तैयारियां जोरों पर है. घरों में सफाई के साथ ही सजावटी सामान की खरीदी भी जमकर हो रही है. बाजार में सजावटी सामान की दुकानें भी सज चुकी है. इस बार बाजार में मेड-इन-इंडिया सामान की अधिक मांग है. पानी से जलने वाले दीये से भी दिवाली रोशन होगी. पारंपरिक दीपक की तरह इन्हें जलाने के लिए तेल नहीं पानी की जरूरत पड़ेगी. पानी की थोड़ी मात्रा से ही ये पूरी रात रोशन रह सकते हैं. इनके अलावा पानी में तैराने वाले दीपक भी आकर्षण का केंद्र बन रहे हैं. ये सभी भारतीय उत्पाद हैं.

चंदन व इत्र की आती है खुशबू
इस बार दिवाली के दीपक घर को जगमगाने के काम ही नहीं आएंगे, बल्कि ये ड्राइंग रूम की शोभा भी बढ़ाएंगे. कलरफुल मिट्टी के दीपक के साथ ही बाजार में मोम के दीये भी आए है. इन्हें आप लिविंग रूम में एक कांच के बाउल में पानी भरकर जलाए. रोशनी के साथ खुशबू भी पूरे घर में महक जाएगी. दिवाली में घर को रोशन करने के लिए रंग बिरंगी हर आकार की मोमबत्तियां अवेलेबल है. जेल, वाटरप्रुफ और फ्लोटिंग मोमबत्तियों से बाजार सजा हुआ है. अरोमा, चंदन व इत्र की खुशबू वाली मोमबत्तियां खासा पसंद की जा रही है. इनकी कीमत 50 रुपए से लेकर 500 तक है.

वाटरप्रूफ रंगोली एक से बढ़कर एक
दीपावली पर रंगोली बनाना बेहद पुराना रिवाज है. इस बार क्रिस्टल और बीड्स रंगोली से आंगन व घरों को सजाकर नया लुक दे सकते हैं. इसके अलावा रंगोली में दीपक और गणेश की प्रतिमा को भी सजा सकते हैं. रेडीमेड प्रिंटेड रंगोली स्टिकर्स मिल रहे हैं, जिसे घर में कहीं भी आसानी से चिपकाया जा सकता है.

बंदनवार से वेलकम
बंदनवार पर वेलकम, शुभ लाभ, हैप्पी दीवाली, स्वागतम जैसे शुभ संदेश भी लिखे हैं. वेलवेट, गोटा किनारी, गोटा पट्टी, प्लास्टिक, ऊन आदि की मदद से ये बंदनवार सजाए गए हैं. इनकी कीमत 50 रुपए से शुरू होकर 1000 तक है. इसके अलावा मोती, नग, शंख, शीशे, घुंघरू, घंटियों के अलावा और भी मैटेरियल के बंदनवार बनाए गए हैं.