सत्यपाल सिंह, रायपुर। राजधानी की डीकेएस सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल डॉ. पुनीत गुप्ता के करोड़ों के घोटाले के बाद से लगातार सुर्खियों में है. अस्पताल में आए दिन किसी न किसी बात को लेकर कर्मचारी और डॉक्टर खफा ही रहते हैं. डीकेएस के डॉक्टरों का आरोप है कि अस्पताल प्रबंधन कभी इनकम टैक्स के नाम पर, तो कभी टीडीएस का हवाला देकर पैसा काट रही है. डॉक्टरों का कहना है कि आज तक भत्ता के नाम पर 15 हजार नहीं मिला है. प्रबंधन को कई दफा आवेदन लिख चुके, लेकिन उन्होंने इसकी वजह नहीं बताई, बल्कि ऊपर से सैलरी से 2 हजार और काट ली गई. जिससे डीकेएस के डॉक्टर काफी नाराज है.
ज्वाइनिंग लेटर में भत्ते का जिक्र पर मिलता नहीं
डीकेएस प्रबंधन द्वारा डॉक्टरों की संविदा में नियुक्ति की गई है और डॉक्टरों को बकायदा ज्वाइनिंग लेटर भी दिया गया है. जिसमें छत्तीसगढ़ शासन स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग मंत्रालय नया रायपुर निर्देशानुसार तमाम नियम सुविधा लिखा गया है, लेकिन उसकी सुविधा आज तक नहीं मिला है. लेटर में लिखा गया है कि गृह भाड़ा भत्ता 5 हजार और अतिरिक्त भत्ता (सुपर स्पेशलिटी अस्पताल) की तरफ से दस हजार देने की बात लिखी गई है. इसके बावजूद भुगतान नहीं किया जाता. ऐसे में सवाल यह उठता है कि सरकार भुगतान क्यो नहीं कर रही ? यदि सरकार पैसे रिलीज कर रही है, तो डॉक्टरों को क्यों नहीं मिल रहा ?
अधीक्षक बोले हर महीने कटता है पैसा
इस संबंध में डीकेएस अधीक्षक कमल किशोर सहारे से बात की गई तो उन्होंने कहा कि इस मामले को डॉक्टरों ने आवेदन दिया है जल्द ही समस्या का निराकरण किया जाएगा. इसके साथ ही कहा कि जो मार्च में 2 हजार काटे गए है वो इनकम टैक्स है, जो हर माह काटा जाता है.
मार्च में ही कटा है पैसा
डॉक्टरों का कहना है कि सिर्फ मार्च में 2 हजार काटा गया है, ये कैसा इनकम टैक्स है. इसके पहले कभी नहीं कटा है. हर बार आश्वासन मिला है भत्ता नहीं.
सभी डॉक्टर एक साथ कर सकते हैं रिजाइन
कुछ डॉक्टरों ने नाम उजागर नहीं करने की सर्त पर बताया कि प्रबंधन यदि उनका भुगतान नहीं करता है, तो सभी डॉक्टर एक साथ रिजाइन दे देंगे. जबकि तीन डॉक्टर अस्पताल से पहले ही रिजाइन कर चुके है, जिसकी आज आखिरी दिन था. बता दें कि डीकेएस अस्पताल में कर्मचारियों की कमी है, जो बचे हुए वो भी एक-एककर रिजाइन दे रहे हैं.