हेमंत शर्मा, रायपुर। डीकेएस सुपर स्पेशियालिटी हॉस्पिटल लोन घोटाले में ट्रांजिट बेल पर चल रहे पीएनबी के तत्कालीन एजीएम सुनील अग्रवाल शनिवार को रायपुर पहुंचे. सुनील अग्रवाल ने रायपुर पुलिस पर गलत तरीके से गिरफ्तार करने का आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस जब मेरे पास आई तो 500 पन्ने की एक डायरी भी थी, उसमें कहीं भी मेरा नाम नहीं है. एफआईआर और विवेचना में भी मेरा नाम नहीं, लेकिन उसके बावजूद गिरफ्तार किया गया.

पीएनबी के डीजीएम और तत्कालीन एजीएम सुनील अग्रवाल ने लल्लूराम डॉट से खास बातचीत में पुलिस पर कई गंभीर आरोप लगाये. उन्होंने कहा कि मैं छोटा आदमी हूं, सरकार और पुलिस से लड़ना मेरे बस की बात नहीं. उन्होंने कहा कि मेरे ऊपर लगे आरोप बेबुनियाद है, मेरी प्रतिष्ठा खराब करने की कोशिश की गई. उन्होंने कहा कि मेरे पास पूरे दस्तावेज हैं, सोमवार को कोर्ट के सामने पूरी बात रखूंगा. मुझे न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है.

सुनील अग्रवाल ने चर्चा में कहा कि पुनीत गुप्ता से उनका कोई संबंध नहीं है. वे डीकेएस हॉस्पिटल के अधीक्षक थे. डॉ. गुप्ता से मेरी पहली मुलाकात अग्रवाल महासभा के कार्यक्रम में हुई थी. लोन डॉ. पुनीत गुप्ता को नहीं दिया गया है, बल्कि लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए संस्था को सही तरीके से लोन दिया गया था. सरकार ने उस लोन उपयोग भी किया है. पुलिस जब गिरफ्तारी के लिए पहुंची तो उन्होंने पास के थाने के आमद भी नहीं दी थी.

अग्रवाल ने कहा कि मैंने उस समय कहा  पूरा सहयोग करुंगा. गोलबाजार थाने के दो पुलिस अधिकारी पहुंचे थे, मेरी उनसे सौहाद्रपूर्ण तरीके से बातचीत भी हो रही थी, लेकिन उसके बाद उन्होंने मुझे गिरफ्तारी कर लिया. इसके बाद सिविल लाइन थाना के आमद के लिए ले गई. उसके बाद रिमांड के लिए मुझे तीस हजारी कोर्ट ले गए, जहां बैंक के वकील भी पहुंचे थे. पूरा पक्ष हमारे तरफ से कोर्ट में रखा गया, फिर दलील सुनने के बाद ट्रांजिट बेल दी है.

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