डी-मार्ट के पहली तिमाही के नतीजे सामने आ चुके हैं, और ये चौंकाने वाले हैं. राजस्व में 16.28% की मजबूत वृद्धि के बावजूद, कंपनी का शुद्ध लाभ पिछले साल की तुलना में बिल्कुल भी नहीं बढ़ा. वित्त वर्ष 2025-26 की अप्रैल-जून तिमाही में डी-मार्ट की मूल कंपनी एवेन्यू सुपरमार्ट्स लिमिटेड ने ₹773 करोड़ का समेकित लाभ अर्जित किया — जो पिछले साल की इसी तिमाही के बराबर है.

यह स्थिरता उस समय देखी जा रही है जब बाजार और उपभोक्ता खर्च में लगातार तेजी के संकेत मिल रहे हैं. सवाल यह है: जब कमाई बढ़ रही है, तो मुनाफा स्थिर क्यों है?

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डी-मार्ट

एक ही जगह अटकी D-Mart की कमाई! 16% बढ़ा रेवेन्यू, फिर भी मुनाफा नहीं

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राजस्व बढ़ा, लेकिन मार्जिन टूटा

वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में कंपनी का राजस्व ₹16,360 करोड़ रहा, जबकि पिछले साल इसी तिमाही में यह ₹14,069 करोड़ था — यानी करीब ₹2,291 करोड़ की अतिरिक्त आय.

इसके बावजूद, शुद्ध लाभ ₹773 करोड़ पर ही स्थिर रहा, जो दर्शाता है कि मार्जिन और खर्च के मोर्चे पर दबाव बना हुआ है. कंपनी ने अभी तक इस पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं दी है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि मूल्य निर्धारण पर दबाव और उच्च परिचालन लागत इसके प्रमुख कारण हो सकते हैं.

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शेयर बाज़ार में D-Mart की गिरावट

11 जुलाई को कंपनी का शेयर 2.4% की गिरावट के साथ ₹4,069 पर बंद हुआ. पिछले 1 साल में डी-मार्ट के शेयर में 17% की गिरावट आई है, जबकि इस साल अब तक इसने 14% का रिटर्न दिया है. इससे यह साफ़ है कि निवेशकों की राय कंपनी के प्रदर्शन को लेकर मिली-जुली बनी हुई है.

दमानी का बिजनेस मॉडल क्या है खास?

डी-मार्ट के संस्थापक राधाकिशन दमानी निवेश की दुनिया में एक अनुभवी और सफल नाम माने जाते हैं. 2002 में मुंबई के पवई से शुरू हुई यह रिटेल चेन आज ₹2.65 लाख करोड़ के बाजार पूंजीकरण तक पहुंच चुकी है. दमानी का ध्यान हमेशा रहा है — कम लागत में संचालन, उच्च बिक्री मात्रा और ग्राहक वफादारी पर. कंपनी का अधिकांश कारोबार किराना और रोजमर्रा की जरूरतों से जुड़ा है, जहां मार्जिन पहले से ही कम होता है.

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आईपीओ के बाद से 6 गुना बढ़ा मार्केट कैप

2017 में लिस्टिंग के समय डी-मार्ट का बाजार पूंजीकरण ₹39,988 करोड़ था. अब यह बढ़कर ₹2.65 लाख करोड़ से अधिक हो गया है — यानी सिर्फ 7 साल में 6 गुना से ज़्यादा की वृद्धि हुई है.

सीईओ नेविल नोरोन्हा की रणनीति

डी-मार्ट के सीईओ नेविल नोरोन्हा को कंपनी के व्यवस्थित और स्केलेबल ऑपरेशन्स का श्रेय दिया जाता है. उनकी रणनीति आधारित है — कम लागत, ज़्यादा रिटर्न, और सख्त नियंत्रण पर. हालांकि, ई-कॉमर्स, किराना स्टार्टअप्स और बढ़ती महंगाई जैसी नई चुनौतियां इस मॉडल को प्रभावित कर रही हैं.

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डी-मार्ट की विकास यात्रा को क्या खतरा है?

  • उच्च मुद्रास्फीति: कमोडिटी कीमतों में वृद्धि से मार्जिन पर असर.
  • ऑनलाइन प्रतिस्पर्धा: अमेज़न, फ्लिपकार्ट, ब्लिंकिट जैसे प्लेटफॉर्म्स से कड़ी चुनौती.
  • कम नवाचार: कंपनी की अधिकतर बिक्री अब भी ऑफलाइन स्टोर्स से होती है, डिजिटल चैनल की गति धीमी है.

क्या विकास की कहानी अधूरी है?

राजस्व की रफ्तार के पीछे मुनाफे की तस्वीर फीकी पड़ रही है. डी-मार्ट के तिमाही नतीजे यह दिखाते हैं कि व्यवसायिक विस्तार और लाभ वृद्धि हमेशा एकसमान नहीं होते.

अब कंपनी को परिचालन दक्षता, लाभ मार्जिन, और डिजिटल रणनीति पर अधिक ध्यान देना होगा — वरना विकास की यह रफ्तार कहीं रुक न जाए.

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