शिवम मिश्रा, रायपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित जिला खनिज न्यास (DMF) घोटाले की जांच में तेजी आ गई है. कोरबा जिले के चार पूर्व जनपद पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारियों (सीईओ) को मंगलवार को विशेष न्यायालय में पेश किया गया, जहां अदालत ने उन्हें 19 मई तक रिमांड पर भेजने की अनुमति दे दी.

रिमांड पर लिए गए अधिकारियों में तत्कालीन डीएमएफटी नोडल अधिकारी भरोसाराम ठाकुर, सीईओ भूनेश्वर सिंह राज, राधेश्याम मिर्झा और वीरेंद्र कुमार राठौर शामिल हैं. अदालत में पेशी के दौरान अभियोजन पक्ष ने दलील दी कि पूछताछ के दौरान कई नई जानकारियां सामने आई हैं, जिनके आधार पर दस्तावेज और सबूत जुटाने के लिए और समय की आवश्यकता है. अदालत ने इस पर सहमति जताते हुए रिमांड अवधि 19 मई तक बढ़ा दी है.

रानू साहू समेत पांच की न्यायिक रिमांड बढ़ी

इस बीच घोटाले में पहले से जेल में बंद निलंबित आईएएस अधिकारी रानू साहू, सौम्या चौरसिया, सूर्यकांत तिवारी, माया वारियर और मनोज द्विवेदी की न्यायिक हिरासत भी 27 मई तक बढ़ा दी गई है. अभियोजन पक्ष ने तर्क दिया कि रिमांड पर लिए गए अधिकारियों से चल रही पूछताछ को ध्यान में रखते हुए अन्य आरोपियों की हिरासत बढ़ाना जरूरी है, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया.

गौरतलब है कि डीएमएफ घोटाले में अब तक 90.48 करोड़ रुपये के गबन का खुलासा हो चुका है. इस मामले की गंभीरता को देखते हुए आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) के साथ-साथ प्रवर्तन निदेशालय (ED) भी समानांतर जांच कर रही है. रिमांड पर लिए गए अधिकारियों से जारी पूछताछ जारी है. इस बहुचर्चित घोटाले के कई अहम राज खोल सकती है.