करवा चौथ के दिन माता करवा की पूजा की जाती है. इसके लिए माता करवा और माता गौरी को एक चौकी पर स्थापित की जाती है और कलश भी रखा जाता है. लेकिन करवा चौथ के दुसरे दिन ही कलश किसी नदी या तालाब में विसर्जन किया जाता है और चौकी को हटाना पड़ता है.
पूजा में कलश विसर्जन का खासा महत्व है. इसके लिए भी विधि का ध्यान रखना जरूरी होती है. पूजा समाप्ति के बाद जिस चौकी पर माता करवा और माता गौरी को स्थापित किया जाता है उसे विधि पूर्वक हटाएं ताकि आपका करवा चौथ का व्रत सफल हो सके. Read More – द कश्मीर फाइल्स के बाद अब विवेक अग्निहोत्री लाने वाले हैं नई फिल्म Parva, कहानी महाभारत पर होगी आधारित …
इस साल करवा चौथ का व्रत 1 नवंबर को था. इस दिन बुधवार था और दुसरे दिन यानी आज बृहस्पतिवार है. माना जाता है कि बृहस्पतिवार के दिन किसी भी माता की विदाई करना अशुभ होता है. इसलिए इस साल भूल कर भी चौकी को न हटाए और ना ही कलश विसर्जन करें. अगले दिन यानी शुक्रवार को कलश विसर्जित करें. इसके साथ ही पूजा में उपयोग किए गए सामान को लाल कपड़े में बांधकर अपने पास रख लें, अगले साल करवा चौथ के दिन ही इसे प्रवाहित करना चाहिए. Read More – Karwachauth 2023 : करवाचौथ पर चाहिए साफ ग्लोइंग Skin, तो अभी से लगाना शुरू करें मेथी दाना का मास्क …
जो भी श्रृंगार का सामान अर्पण किया जाता है फिर चाहे वह सिंदूर हो, बिंदी हो या कुछ और उसे हर रोज उपयोग करें ऐसा करने से माता करवा और माता गौरी का आशीर्वाद आप और आपके पति पर हमेशा बना रहेगा. वहीं उस चौकी को पूजा के स्थान पर सुरक्षित रख देना चाहिए. ऐसा करने से आपका व्रत सफल माना जाएगा.
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