रायपुर. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन और हॉस्पिटल बोर्ड ने आज बयान जारी करते हुए कहा है कि स्टेट नोडल एजेंसी और जिला चिकित्सा अधिकारी दबाव बनाने की रणनीति से परहेज करें. रविवार को हुई राज्य भर के जिला पदाधिकारियों की मीटिंग में यह आशंका व्यक्त की गई थी की आयुष्मान योजना में काम शुरू कराने के लिए बिना पेंडिंग मुद्दों को हल किए बगैर जिला चिकित्सा अधिकारी और स्टेट नोडल एजेंसी के अधिकारी दूरस्थ जिलों के प्राइवेट नर्सिंग होम्स पर अनुचित दबाव बनाने की कोशिश कर सकते हैं.
पहले ही इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने आशंका व्यक्त की थी कि नर्सिंग होम एक्ट की आड़ में छोटे और मझोले नर्सिंग होम्स के ऊपर बिना वादा पूरा किए आयुष्मान का काम आनन-फानन में शुरू कराने के लिए दबाव डाला जा सकता है. आज ही दूरस्थ जिलों के दो नर्सिंग होम्स ने जानकारी दी है कि रैली गियर के और स्टेट नोडल एजेंसी के अधिकारियों ने उन्हें काम शुरू करने का आदेश दिया है.
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन गरीब मरीजों के इलाज के लिए राज्य सरकार से सहयोग के लिए कटिबद्ध है, लेकिन जिला शिकायत निवारण समिति के निर्णयों का समय सीमा में पालन नहीं होने और पिछले मुद्दों को हल नहीं होने के कारण स्थिति विपरीत और संकट पूर्ण हो गई है.
पूरे प्रदेश के प्राइवेट नर्सिंग होम में पुराने भुगतान ना मिलने के कारण आर्थिक स्थिति डगमगाने लगी है.
इसे देखते हुए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, स्टेट नोडल एजेंसी से अपील करती है कि किसी प्रकार की दबाव की कार्यवाही ना करें और अपने वादे के अनुसार 15 अक्टूबर तक भुगतान कर दें और 10 अक्टूबर तक आयुष्मान सॉफ्टवेयर में सरलीकरण के वादे को पूरा करें. ताकि शीघ्र अतिशीघ्र रविवार को हुए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के राज्य भर के पदाधिकारियों की मीटिंग में हुए निर्णय के अनुसार स्टेट नोडल एजेंसी से बातचीत शुरू कर गरीब मरीजों का इलाज शुरू किया जा सके.