बच्चे के जन्म के बाद शुरुआत में उसकी देखभाल करना सबसे मुश्किल काम होता है. खासकर के तक जब Family में बहुत लंबे गैप के बाद छोटा बच्चा आया हो तो. बच्चों की चीजों को समझना और उनकी सही ढंग से केयर करना अपने आप में बड़ा कठिन है. आज के समय में बच्चों की परवरिश में बेबी केयर प्रोडक्ट्स के प्रयोग का चलन तेजी से बढ़ा है. रोते हुए छोटे बच्चों को चुप कराने के लिए पैरेंट्स पेसिफायर (चुसनी) का इस्तेमाल करते हैं. वैसे तो पेसिफायर बच्चे और माता-पिता दोनों के लिए बहुत उपयोगी होता है, लेकिन सही ढंग से इसका इस्तेमाल न करने से कई परेशानियां भी हो सकती हैं.

पेसिफायर लगाने से बच्चे रिलैक्स फील करते हैं और अपनी उंगलियां या अंगूठा भी नहीं मुंह में डालते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और यूनिसेफ (UNICEF) दोनों ही Pacifier का इस्तेमाल न करने की सलाह देते हैं. आइए जानते हैं क्या बच्चे को पेसिफायर देना चाहिए और इसके नुकसान. Read More – Honeymoon Couple के लिए इंडिया में ये है Best Destination, पार्टनर के साथ जरूर करें एक्सप्लोर …

क्या बच्चों को पेसिफायर देना चाहिए?

अक्सर पेरेंट्स बच्चे की अंगूठा चूसने की आदत या रोने-चिल्लाने की आदत छुड़ाने के लिए पेसिफायर का इस्तेमाल करते हैं. पेसिफायर वैसे तो बच्चे और माता-पिता दोनों के लिए ही बहुत उपयोगी होता है, लेकिन इसका इस्तेमाल करना बच्चे के लिए बहुत नुकसानदायक हो सकता है. Pacifier लगाने से बच्चे शांत हो जाते हैं और उन्हें अच्छी नींद आती है. चूंकि बच्चों को हर समय कुछ न कुछ चूसने या मुंह में रखने की आदत होती है, इसलिए उन्हें पेसिफायर बड़ा रिलैक्स फील कराता है. लेकिन हेल्थ एक्सपर्ट्स और डॉक्टर्स समेत स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम करने वाली कई संस्थाएं इसे बच्चे के लिए बहुत नुकसानदायक मानती हैं. पेसिफायर के इस्तेमाल से बच्चों का विकास प्रभावित होता है और कई गंभीर परेशानियां हो सकती हैं.

पेसिफायर का इस्तेमाल करने के नुकसान

टेढ़े-मेढ़े आते हैं दांत

पेसिफायर बच्चों के दांतों पर भी विपरीत असर डालता है. अगर बच्चा Pacifier का इस्तेमाल करता है, तो टीथिंग पीरियड के दौरान उसके दांत टेढ़े-मेढ़े आते हैं. जिससे बाद में बच्चे को परेशानी होती है. इतना ही नहीं, पेसिफायर का लगातार इस्तेमाल करने से बच्चे को दांतों से जुड़ी कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है.

गले की समस्या

पेसिफायर के कारण बच्चे को गले की तरह-तरह की समस्याएं हो सकती है. यह देखने में आता है कि जो बच्चे पेसिफायर का इस्तेमाल करते हैं, उन्हें गले में दर्द व टॉन्सिल्स की परेशानी होती है. इसके बच्चे को ओरल इंफेक्शन होने का खतरा भी कई गुना बढ़ जाता है. Read more – Navratri 2023 : देवी के इन 9 बीज मंत्रों का जाप करते हुए करें मां दुर्गा से प्रार्थना, पूरे होंगे सारे काम …

ब्रेस्टफीड शेड्यूल होता है डिस्टर्ब

यदि आप अपने बच्चे को स्तनपान कराना चाहती हैं और एक शेड्यूल पर टिकी रहना चाहती हैं, तो पेसिफायर का इस्तेमाल करना नुकसानदेह साबित हो सकता है. यह ब्रेस्टफीड की अवधि को भी कम कर सकता है. स्तनपान बच्चे के संपूर्ण विकास के लिए आवश्यक है. साथ ही, स्तनपान आपके बच्चे के साथ भावनात्मक रूप से जुड़ने का एक तरीका है. इसलिए, यदि आपके बच्चे को कम समय के लिए दूध पिलाया जाता है, तो इससे बच्चे को मां के साथ संबंध बनाने में भी समस्या होती है.

मुंह में इंफेक्शन

बेबी पेसिफायर से बच्चों में इंफेक्शन का खतरा रहता है. क्योंकि आप इसे बार-बार न ही तो धोते है और न साफ करते है. मुंह के इंफेक्शन के सात-साथ इससे बच्चे को उल्टी, पेटदर्द और दस्त की समस्या हो सकती है.

व्यवहार में परिवर्तन

यह भी Pacifier के इस्तेमाल का एक नुकसान है. दरअसल, जब बच्चे को पेसिफायर का इस्तेमाल करने की आदत पड़ जाती है, तो वह ना केवल लंबे समय तक इसे यूज करते हैं. इसके अलावा, उन्हें सारा दिन पेसिफायर चूसना अच्छा लगता है. ऐसे में अगर उनके मुंह से पेसिफायर निकाल दिया जाए, तो इससे वह चिड़चिड़े हो जाते हैं और जोर-जोर से रोने लगते हैं. इस तरह अगर देखा जाए तो बच्चे को पेसिफायर की लत लग जाती है.